भारतीय इतिहास में मुगलों को महान बताने का प्रयास किया गया है, जबकि उन्होंने हिंदुओं पर कई अत्याचार किए। यह जानकारी मुस्लिम इतिहासकारों की किताबों पर आधारित है, जिसमें कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा किए गए क्रूर कार्यों का उल्लेख है।
चील-कौवों को खिलाई लाशें 1193 में अलीगढ़ के निकट हिंदुओं के विद्रोह के दौरान, कुतुबुद्दीन ने विद्रोह को दबाने के लिए हजारों हिंदुओं की हत्या करवाई। उन्होंने काफिरों के सिरों से तीन विशाल मीनारें बनवाईं और शवों को चील और कौओं को खिलाने का आदेश दिया।
पहाड़ की चोटी तक बनाई नरमुंडों की मीनार 3, 1197 को माउंट आबू के पास राजा राय कर्ण के नेतृत्व में हिंदू सैनिकों की हार के बाद, 50,000 से अधिक हिंदुओं को मार दिया गया। उनके सिरों से इतनी ऊंची मीनार बनाई गई कि वह पहाड़ की चोटी के बराबर हो गई।
काफिरों को डराने के लिए करते थे क्रूरता मुस्लिम शासकों के लिए हिंदुओं पर अत्याचार करना और उनकी धार्मिक आस्था को भंग करना एक उपलब्धि मानी जाती थी। नरमुंडों की दीवार बनाकर वे अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते थे, ताकि कोई भी उनके खिलाफ आवाज न उठा सके। यह जानकारी ताज-उल-मासिर नामक पुस्तक पर आधारित है।