भोपाल । मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल द्वारा केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय के सहयोग से आज (सोमवार) से तीन दिवसीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग पर आधारित फसल उपज मॉडलिंग प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। भोपाल के विज्ञान भवन भोपाल में नौ अप्रैल तक आयोजित इस प्रशिक्षण में मध्य प्रदेश समेत देश के विभिन्न राज्यों के लगभग 100 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं।
जनसम्पर्क अधिकारी सोनिया परिहार ने बताया कि इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में तकनीकि विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग तकनीकि का प्रचलन बढ़ाना है। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडलों जैसे (SVM, Random Forest, Neural Network, CNN, XGB) तथा डीप लर्निंग तकनीकों पर, राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र, इसरो, हैदराबाद, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, भोपाल एवं महालनोबिस राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र, नई दिल्ली के विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग आधारित फसल उपज मॉडलिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रतिभागियों को रिमोट सेंसिंग तकनीकि का उपयोग करके सटीक फसल उपज अनुमान के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसका लक्ष्य फसल बीमा दावा निपटान प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ाना है, जिससे प्रौद्योगिकी आधारित तकनीकि का प्रभावी रूप से क्रियान्वयन किया जा सके। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है। मध्य प्रदेश में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का क्रियान्वयन वर्ष 2022 से किया जा रहा है। इस कार्य मे मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद साथ राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र, इसरो, हैदराबाद, कृषि विभाग, मध्य प्रदेश शासन एवं एमपीएसईडीसी भी सहयोग कर रहे है।
मध्य प्रदेश अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का फसल बीमा मे उपयोग करने बाला देश मे पहला राज्य हैं। मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग फसल बीमा के अंतर्गत तकनीकी पार्टनर के तौर पर कृषि विभाग, राजस्थान सरकार के लिए भी किया जा रहा हैं। प्रशिक्षण के शुभारम्भ कार्यक्रम में मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महनिदेशक डॉ अनिल कोठारी, संचालक कृषि विभाग, मध्य प्रदेश शासन एवं कृषि मंत्रालय भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मुख्य रूप से उपस्थित रहेंगे।