मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि देश के मुसलमानों को उम्मीद थी कि एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य में एक मुस्लिम मुख्यमंत्री अपनी आवाज उठाएगा या कम से कम यह कहेगा कि वे जम्मू कश्मीर में इस कानून को लागू नहीं करेंगे।
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उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, यह बेहद निराशाजनक है कि जम्मू कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष ने वक्फ विधेयक पर प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस तमिलनाडु सरकार से सीख ले सकती है जिसने वक्फ विधेयक का ‘दृढ़ता से विरोध’ किया है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, मजबूत जनादेश हासिल करने के बावजूद, सरकार पूरी तरह से भाजपा के मुस्लिम विरोधी एजेंडे के आगे झुक गई है और दोनों पक्षों को खुश करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर, जो एकमात्र मुस्लिम बहुल क्षेत्र है, में यह चिंताजनक है कि जन-केंद्रित सरकार में इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बहस करने का भी साहस नहीं है। पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला देश के मुसलमानों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए हैं।
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उन्होंने कहा, आज पूरे देश के मुसलमानों को उम्मीद थी कि एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य में 50 सीटों वाला एक मुस्लिम मुख्यमंत्री अपनी आवाज उठाएगा या कम से कम यह कहेगा कि वे जम्मू कश्मीर में इस कानून को लागू नहीं करेंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। आज मुझे शर्म आ रही है।
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महबूबा मुफ्ती ने कहा कि देश में मुसलमान ‘असहाय और अल्पसंख्यक हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर मुस्लिम बहुल और सबसे धर्मनिरपेक्ष राज्य है। उन्होंने कहा, लोगों को यहां के नेतृत्व से, सरकार से उम्मीद थी कि वह इस विधेयक का मुखर विरोध करेगी, मामले को उच्चतम न्यायालय ले जाएगी या विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour