आलम यह है कि प्रतिदिन लगभग पांच नए मामले सामने आना चौंकाता है।
चिकित्सा विशेषज्ञ का कहना है कि इसमें सबसे अधिक इंजेक्शन से नशा लेने वाले हैं। यही लोग एक-दूसरे में तेजी से एचआइवी फैला रहे हैं। इस पर रोकथाम के लिए तेजी से प्रयास करने होंगे।एसटीएच में एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर है। कुमाऊं भर के मरीज इसी अस्पताल में पहुंचते हैं। जनवरी 2024 से मार्च 2025 तक एचआइवी के 477 नए रोगी पहुंच गए। इनमें 370 पुरुष हैं। इसके अलावा 98 महिलाएं, आठ बच्चे और एक ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं। इनमें से 38 मरीज जेल से जुड़े हैं।
एआरटी सेंटर के नोडल व वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. वैभव कुमार का कहना है कि हर दिन लगभग पांच नए मरीज आ रहे हैं। यह गंभीर स्थिति है। इससे निपटने के लिए जागरूकता अभियान बढ़ाना होगा।...पांच वर्ष में 4824 मरीज हुए पंजीकृतएसटीएच मे एआरटी सेंटर में वर्ष 2010 से लेकर मार्च 2025 तक कुल 4824 एचआईवी मरीज पंजीकृत हुए हैं। इनमें से 880 की मौत हो चुकी है। 450 मरीजों को दूसरे सेंटर में इलाज के लिए भेजा गया। वहीं 816 मरीज ऐसे हैं जो इलाज लेने नहीं पहुंचते हैं। वर्तमान में 2536 मरीज दवा लेने पहुंचते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या के साथ ही सामाजिक व आर्थिक समस्या भी बन रही है।
एचआइवी पॉजिटिव अधिकांश मरीज ऐसे हैं, जो नियमित इंजेक्शन से नशा लेते हैं। ऐसे लोग किसी के भी सीरिंज से नशा ले लेते हैं। यही कारण है कि एचआइवी का प्रसार तेजी से हो रहा है। गैर सरकारी संगठन के सदस्य इन्हें दवा के लिए सेंटर लाते हैं, लेकिन अधिकांश बार ये मरीज दोबारा दवा लेने नहीं पहुंचते हैं। जब मरीज अस्पताल में पहुंचता है तो उसका बेहतर इलाज हो सके। इसका पूरा ध्यान रखा जाता है। डा. वैभव कुमार, नोडल अधिकारी, एआरटी सेंटर
समाधान के लिए करने होंगे ये उपाय