भारत में साउंडप्रूफ हाईवे का नया युग शुरू हो चुका है, जो देश की सड़क संरचना में एक महत्वपूर्ण और अनोखा कदम है। यह साउंडप्रूफ एक्सप्रेसवे वास्तव में भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास का एक अद्वितीय उदाहरण है। वर्तमान में, ऐसे साउंडप्रूफ हाईवे या एक्सप्रेसवे भारत में बहुत कम हैं, लेकिन यह परिवर्तन भविष्य में स्मार्ट रोड इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव रखने में सहायक होगा। चाहे लॉन्ग ड्राइव हो या शहर के भीतर यात्रा, ट्रैफिक में वाहनों का शोर अक्सर परेशान करता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे साउंडप्रूफ रास्ते के बारे में बताएंगे, जहां वाहनों का शोर नहीं है। भारत के विभिन्न एक्सप्रेसवे पर चलना एक अनोखा अनुभव है।
नेशनल हाईवे 44 देश का पहला लाइट और साउंड प्रूफ हाईवे है। इसे चार साल पहले बनाया गया था और यह मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में स्थित है। यह सड़क अपने आप में अनोखी है क्योंकि यह टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र से गुजरती है, इसलिए इसे साउंड और लाइट प्रूफ बनाया गया है।
NH 44 भारत का सबसे लंबा हाईवे है, जो कश्मीर से कन्याकुमारी को जोड़ता है। इस 3745 किलोमीटर लंबे हाईवे पर 29 किलोमीटर का हिस्सा साउंडप्रूफ है, जहां वाहनों का शोर नहीं सुनाई देता। यह रास्ता पेंच नेशनल पार्क के बफर क्षेत्र से होकर गुजरता है और इसे आवाज और रोशनी से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इस सड़क को शोर से बचाने के लिए साउंड बैरियर्स और हेडलाइट रिड्यूसर का उपयोग किया गया है। 4 मीटर ऊंची स्टील की दीवारें स्थापित की गई हैं ताकि जानवरों को वाहनों की आवाज और रोशनी से परेशानी न हो। इसके अलावा, जानवरों की सुविधा के लिए करीब चौदह एनिमल अंडरपास भी बनाए गए हैं, ताकि वे आसानी से सड़क पार कर सकें। हालांकि, साउंडप्रूफ हाईवे का निर्माण आसान नहीं है; इस परियोजना पर 950 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।