महाराजगंज में एआरटीओ की दरियादिली: बेटे ने मां का मंगलसूत्र बेचकर पिता का चालान भरा
Gyanhigyan April 15, 2025 05:42 AM
एक अनोखी कहानी

दुनिया में हर प्रकार के लोग होते हैं, कुछ अच्छे और कुछ बुरे। यह कहा जाता है कि इंसान के अंदर दोनों ही गुण होते हैं। इस कलयुग में जहां बुराई की मिसालें आम हैं, वहीं आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताएंगे जो इंसानियत की मिसाल पेश करता है।


पिता के लिए बेटे का संघर्ष

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में एआरटीओ आरसी भारती का एक मानवीय चेहरा सामने आया है। हाल ही में एआरटीओ कार्यालय में एक घटना घटी जिसने सभी को भावुक कर दिया।


पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के सिंहपुर ताल्ही गांव में विजय कुमार नामक युवक अपने पिता राजकुमार के लिए एआरटीओ कार्यालय पहुंचा। राजकुमार एक ऑटो चालक हैं और हाल ही में उनका 24,500 रुपए का चालान काटा गया था। लेकिन उनके पास इतनी राशि नहीं थी।


मां का मंगलसूत्र बेचकर चालान भरने की कोशिश

विजय ने अपने पिता के चालान की राशि भरने के लिए अपनी मां का मंगलसूत्र बेच दिया। फिर भी, उसके पास केवल 13,000 रुपए ही थे। जब वह एआरटीओ कार्यालय पहुंचा, तो उसकी परेशानी देखकर एआरटीओ ने उसे बुलाया और उसकी समस्या पूछी।


एआरटीओ ने खुद भरा चालान

विजय ने बताया कि उसके पिता को एक आंख से कम नजर आता है और परिवार में छह बहनें हैं। उसकी कहानी सुनकर एआरटीओ आरसी भारती का दिल पिघल गया। उन्होंने अपनी सैलरी से चालान की पूरी राशि भर दी और विजय को पढ़ाई जारी रखने का भी प्रस्ताव दिया।


समाज में एक नई उम्मीद

विजय ने बताया कि वह मजदूरी करता है और हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी नहीं कर सका। एआरटीओ ने न केवल चालान भरा, बल्कि टेंपो का इंश्योरेंस भी कराया और उसकी पढ़ाई का खर्च उठाने का वादा किया। एआरटीओ की इस दरियादिली की सभी ने सराहना की।


हालांकि, एआरटीओ ने मीडिया से ज्यादा बात नहीं की, बस इतना कहा कि उन्होंने विजय की पीड़ा को समझा और इसलिए मदद की।


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