
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा पारस्परिक टैरिफ की घोषणा के बाद भारत का कपड़ा और परिधान उद्योग परेशान है. ट्रंप के द्वारा 90 दिनों के लिए टैरिफ को विराम देने से यह स्थिति और जटिल हो गई है, क्योंकि यह क्षेत्र व्यापार के संबंध में स्पष्टता का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. इसका भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है. इस क्षेत्र का देश की कुल जीडीपी में 2.3%, औद्योगिक उत्पादन में 13% और निर्यात में 12% का योगदान है. भारत के द्वारा कपड़ा और परिधान के निर्यात में अमेरिका और यूरोपीय संघ की 47% हिस्सेदारी है. आंकड़ों पर गहराई से नजर डालते हैं 1. निर्यात में जताई जा रही कमी की आशंकाभारत के कपड़ा निर्यात का सबसे बड़ा बाजार अमेरिका है. साल 2023-24 में लगभग 10 अरब डॉलर का कुल निर्यात अमेरिका को किया गया था. ट्रंप ने अभी 90 दिनों के लिए टैरिफ पर रोक लगा दी है, लेकिन इस पर अभी भी स्पष्टता बाकी है. आगे ट्रंप यह ब्रेक जारी रखते हैं या 90 दिनों के ब्रेक के बाद भारत पर भारी टैरिफ लगाते हैं? 2. अमेरिका में महंगा होगा भारतीय कपड़ा टैरिफ की मार से भारतीय कपड़ा उद्योग काफी प्रभावित हो सकता है. अमेरिका में भारतीय कपड़ों का बाजार महंगा हो सकता है. यदि ऐसा हुआ तो वहां पर मांग कम हो जाएगी. भारत में साल 2023-24 में लगभग 34.4 बिलियन डॉलर मूल्य के कपड़े और परिधान का निर्यात किया गया . इसके अलावा कच्चे माल या अर्ध तैयार सामग्री 34% और तैयार गैर परिधान सामग्री 30% निर्यात की गई. अमेरिकी टैरिफ़ का भारतीय कपड़ा उद्योग पर नकारात्मक असर - यदि टैरिफ इसी दर से लागू रहता है तो अमेरिका में भारतीय परिधानों की मांग में कमी आ सकती है. - बड़े हुए टैरिफ से सबसे ज्यादा छोटे और मझोली उद्योगों को नुकसान झेलना पड़ सकता है. क्योंकि उनके मुनाफे में कमी और लागत में वृद्धि हो सकती है. हो सकता है कि अमेरिका सस्ते विकल्प की तलाश करें. - कपड़ा उद्योग भारत में लाखों लोगों को रोजगार देता है. शहरी, अर्ध शहरी और खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरियों पर असर पड़ सकता है. ट्रंप के टैरिफ का भारतीय कपड़ा उद्योग पर सकारात्मक असर- ईवाई इंडिया के अप्रत्यक्ष कर पार्टनर-उपभोक्ता उत्पाद और खुदरा, संकेत देसाई का कहना है कि यदि ट्रंप का टैरिफ जारी भी रहता है तो इससे अन्य देशों पर भी टैरिफ का बोझ बढ़ेगा. जिसे प्रतिस्पर्धियों की तुलना में भारत ज्यादा अनुकूल स्थिति में आ सकता है. यानी भारत को अमेरिका में अपने बाजार को बढ़ाने का मौका मिल सकता है. - चीन, वियतनाम, बांग्लादेश जैसे देशों पर अमेरिका ने अधिक टैरिफ लगाया है. जिसे भारत के लिए अवसर के रूप में देखा जा सकता है. - भारत पर अमेरिका ने कम दर पर टैरिफ लगाया है जिसके कारण कई वैश्विक ब्रांड जैसे एप्पल, नाईक चीन और बांग्लादेश से अपना उत्पादन भारत में स्थानांतरित करने की प्लानिंग कर रहे हैं. यदि ऐसा हुआ तो दीर्घकाल में भारत में निवेश के साथ ही रोजगार भी बढ़ सकते हैं. - भारत ने बाजार की तलाश कर सकता है जैसे अफ्रीका, एशिया और यूरोपीय देश.