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सी.सी.टी.वी. पर कैद एक चौंकाने वाली घटना में, रविवार सुबह हापुड़ के छिजारसी टोल प्लाजा पर एक महिला को टोल बूथ ऑपरेटर पर हिंसक हमला करते हुए देखा गया, उसने लगातार 4 सेकंड में लगभग 7 बार थप्पड़ मारे । यह घटना सुबह करीब 8:30 बजे हुई, जब महिला के व्हीकल को इंसफिशिएंट FASTag बैलेंस के लिए रोका गया था।
टोल कर्मचारियों के अनुसार, रजिस्ट्रेशन नंबर HR40J6483 वाली कार गाजियाबाद से आ रही थी और उसमें दो पुरुष और दो महिलाएं सवार थीं। जब FASTag स्कैनर ने कम बैलेंस दिखाया, तो बूथ अटेंडेंट ने समूह से सरकारी नियमों के अनुसार लागू जुर्माने के साथ टोल शुल्क का भुगतान करने के लिए कहा। ऐसा करने के बजाय, कार में सवार महिलाओं में से एक बाहर निकली, बूथ में घुस गई और ऑपरेटर पर हमला करना शुरू कर दिया। सीसीटीवी फुटेज में वह उसे बार-बार थप्पड़ मारती हुई, उसका गला घोंटने की कोशिश करती हुई और उसका सिर टेबल पर पटकती हुई दिखाई दे रही है। दो पुरुष यात्रियों ने कथित तौर पर टोल कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार भी किया।
टोल प्लाजा पर काम करने वाले कर्मचारी अवनीश सिंह ने कहा, "टोल देने का एक साधारण अनुरोध हिंसक हमले में बदल गया। महिला बूथ में घुस गई और हमारे कर्मचारियों को बेरहमी से पीटा। यह अस्वीकार्य है।"
हापुड़ के छिजारसी टोल प्लाजा पर महिला ने टोल बूथ में घुसकर टोल कर्मी को चार सेकंड में सात थप्पड़ जड़ दिए। उत्तर प्रदेश की पुलिस हो या यहाँ की महिला थप्पड़ मारने में इनका कोई मुकाबला नहीं है pic.twitter.com/Wj6SOy5K7C
— NCMIndia Council For Men Affairs (@NCMIndiaa) April 13, 2025
पुलिस ने वाहन की पहचान कर ली है और इसमें शामिल महिला का पता लगाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। पिलखुआ थाने के एसएचओ पटनीश यादव ने कहा, "बीएनएस धारा 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 351 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। वाहन की पहचान कर ली गई है और महिला का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।"
इस घटना ने टोल कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं फिर से जगा दी हैं, जिन्हें अक्सर वाहन चालकों के हमले का सामना करना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि छिजारसी टोल प्लाजा पर यह पहली ऐसी घटना नहीं है। जून 2024 में, टोल देने के लिए कहे जाने से नाराज एक बुलडोजर चालक ने अपने वाहन को दो बूथों में घुसा दिया और टोल कर्मचारियों को कुचलने का प्रयास किया। वह वीडियो भी वायरल हुआ, जिससे आक्रोश फैल गया, लेकिन प्रवर्तन में कोई खास बदलाव नहीं हुआ। यह घटना सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है और कई लोग सड़क पर होने वाली हिंसा और गुस्से के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।