दमोह नगर निगम के सीएमओ के चेहरे पर स्याही लगाने के मामले में दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। वहीं, आरोपियों का साथ देने, झूठी अफवाह फैलाने और धमकी भरा वीडियो वायरल करने के आरोप में नगर पालिका ने दो स्थायी कर्मचारियों की सेवाएं तत्काल समाप्त कर दी हैं। एक कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा दो अन्य कर्मचारियों को बर्खास्त करने के नोटिस जारी किए गए हैं।
नगर पालिका के सीएमओ द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कर्मचारियों द्वारा घंटाघर से झंडा उतारे जाने की झूठी अफवाह फैलाई गई। जिससे शहर की शांति भंग हुई और धार्मिक भावनाएं भड़कीं, विवाद की स्थिति पैदा हुई और लोग एकजुट हुए। दोनों आरोपी सीएमओ के घर गए, उन पर हमला किया और उनके चेहरे पर स्याही फेंक दी। इससे नगर पालिका की छवि धूमिल हुई। इस कानून के कारण कर्मचारियों की जांच कलेक्टर द्वारा गठित समिति द्वारा की जाती थी। जांच रिपोर्ट के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
जारी आदेश के अनुसार स्थायी कर्मचारी लक्ष्मण कासोटिया और जावेद गौरी की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं। जबकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राजा दुबे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। वहीं दैनिक वेतन पर काम कर रहे स्थायी कर्मचारी मनोज तिवारी और प्रवीण शिवहरे को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया गया। तीन दिन के भीतर जवाब मांगा गया है।
आपको बता दें कि सीएमओ प्रदीप शर्मा पर स्याही लगाने और धार्मिक झंडे उतारने को लेकर हुए विवाद की जांच एडीएम ने की थी, जिसमें संबंधित अधिकारियों के बयान दर्ज करने के बाद 10 अप्रैल को कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर को रिपोर्ट सौंपी गई थी। जांच रिपोर्ट आने और सीएमओ द्वारा आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए आवेदन देने के बाद सोमवार रात को कोतवाली में भाजपा के पूर्व पार्षद विवेक अग्रवाल और छोटू यादव के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।