शादीशुदा जीवन में जब एक पुरुष को संतान की चाह होती है, तो यह स्थिति तब कठिन हो जाती है जब सालों तक कोई बच्चा नहीं होता। ऐसे में नपुंसकता एक गंभीर समस्या बन जाती है। पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी से नपुंसकता का खतरा बढ़ता है, जिससे संतानोत्पत्ति में बाधा आती है। एक स्वस्थ पुरुष के लिए 15 मिलियन शुक्राणु होना आवश्यक है। शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या को बढ़ाने के लिए जीवनशैली में सुधार करना महत्वपूर्ण है।
लौंग नपुंसकता के लिए एक प्रभावी उपाय है। यह न केवल कफ की समस्याओं में सहायक है, बल्कि नपुंसकता के मामलों में भी लाभकारी सिद्ध हुआ है। लौंग का पानी पीने से शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि होती है। कई पुरुषों ने लौंग के तेल का उपयोग कर तीन महीने में सकारात्मक परिणाम देखे हैं।
इसके अलावा, चुना भी नपुंसकता के उपचार में सहायक हो सकता है। इसे गेहूं के दाने के बराबर मात्रा में दही में मिलाकर सेवन करने से शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि होती है। गन्ने के रस में मिलाकर सेवन करने से और भी बेहतर परिणाम मिलते हैं।
हमारी दैनिक आदतें कभी-कभी स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। मैक्स हेल्थ केयर के विशेषज्ञ डॉ. अपूर्व जैन ने बताया है कि कुछ सामान्य गलतियाँ जैसे तनाव, नाश्ता न करना, और लगातार बैठे रहना, हमारी सेहत को प्रभावित कर सकती हैं।
तनावपूर्ण रिश्ते शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं, जिससे समय से पहले झुर्रियाँ आ सकती हैं। नाश्ता न करने से दिनभर थकान बनी रहती है, और यह त्वचा पर भी बुरा असर डालता है।
इसके अलावा, पानी की कमी, नशे की लत, और अनहेल्दी डाइट भी नपुंसकता का कारण बन सकती हैं। नियमित व्यायाम न करने से भी स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।