- बीजेपी सांसद ने किया वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का बचाव
केंद्रीय WAKF काउंसिल और WAKF बोर्ड पर जगदम्बिका पाल, (आजसममज), नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट द्वारा सेंट्रल वक्फ काउंसिल और वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने पर सवाल उठाए जाने के बाद, भाजपा सांसद जगदंबिका पाल (Jagdambika Pal ) ने संशोधन का बचाव करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड एक वैधानिक और प्रशासनिक इकाई है, न कि धार्मिक, इसलिए अन्य समुदायों के सदस्यों को शामिल करने पर कोई संवैधानिक रोक नहीं है।
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सर्वोच्च न्यायालय ने खुद कही थी यह बात
संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के अध्यक्ष रहे जगदंबिका पाल ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने खुद कहा था कि वक्फ बोर्ड एक धार्मिक निकाय नहीं बल्कि एक कानूनी निकाय है। आज सुप्रीम कोर्ट यह सवाल पूछ रहा है, जबकि इस तरह के आदेश पहले भी दिए जा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वक्फ बोर्ड धार्मिक संस्था नहीं बल्कि कानूनी संस्था है जो वक्फ संपत्तियों की देखभाल करती है।
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धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं
जगदंबिका पाल ने कहा, इसी तरह एक अन्य आदेश में कहा गया था कि वक्फ एक वैधानिक और प्रशासनिक संस्था है, धार्मिक नहीं। इसलिए यह धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं है और अगर यह एक प्रशासनिक संस्था है तो इसमें मुस्लिम और गैर-मुस्लिम दोनों सदस्यों का होना पूरी तरह से ठीक है।
मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर ममता पर निशाना
बीजेपी सांसद ने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा और कहा कि वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, कानून और व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। आज बंगाल में स्थिति 1947 जैसी है जब लोग पाकिस्तान से भागे थे लेकिन आज लोग अपने ही देश में भाग रहे हैं। यह सरकार की अंतिम विफलता है।
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