Vaishakh month: भारतीय पंचांग के अनुसार, वैशाख मास साल का दूसरा महीना है, जो चैत्र के बाद आता है। वर्ष 2025 में यह 13 अप्रैल से शुरू होकर 12 मई तक चलेगा। धार्मिक दृष्टि से, यह महीना अत्यंत पवित्र माना जाता है, जिसमें कई महत्वपूर्ण त्योहार और व्रत होते हैं। विशेष रूप से, बुद्ध पूर्णिमा और अक्षय तृतीया जैसे पर्व इस दौरान मनाए जाते हैं। इसके साथ ही, वैशाख माह के आगमन से खरमास का समापन होता है, जिससे शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।
सुबह देर तक न सोएं: इस महीने में सुबह देर तक सोने से बचना चाहिए। सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना और सूर्य को जल चढ़ाना उत्तम माना जाता है।
खानपान पर ध्यान दें: गर्मी के कारण इस महीने में पानी का सेवन बढ़ाना चाहिए और अधिक तैलीय भोजन से बचना चाहिए। शरीर को ठंडा रखने के लिए हल्का आहार लेना चाहिए।
तेल मालिश से बचें: स्कंद पुराण के अनुसार, इस माह में तेल मालिश से बचना चाहिए, क्योंकि यह शरीर को गर्मी प्रदान कर सकता है।
दिन में अधिक न सोएं: दिन के समय अधिक देर तक सोना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। थोड़ी देर का विश्राम पर्याप्त होता है।
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें: इस महीने में दिन की शुरुआत सूर्योदय से पहले करनी चाहिए। स्नान के बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाना और तुलसी के पास दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
दान और पूजा का महत्व: इस माह में दान का विशेष महत्व है। किसी मंदिर में ध्वज और पानी से भरा मटका दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
तीर्थ दर्शन और नदी स्नान: इस महीने में तीर्थ यात्रा और नदी स्नान को पवित्र माना गया है। यह आत्मिक उन्नति के लिए उपयुक्त समय है।
सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ लगवाना: यदि संभव हो, तो सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ लगवाना या मटका दान करना पुण्य का कार्य है।
गर्मी से बचाव के लिए दान: इस महीने में जूते-चप्पल, पंखा और छतरी का दान भी किया जा सकता है, जो समाज में जरूरतमंदों के लिए सहायक होता है।
Disclaimer: ये आर्टिकल धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारी पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.