– भोपाल के केरवा गिद्ध प्रजनन केंद्र से छह गिद्ध प्राकृतिक वातावरण में छोड़े गए
भोपाल, 17 अप्रैल . मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में वन्य जीव पर्यटन में नए आयाम जुड़ रहे हैं. पारिस्थितिकी तंत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले गिद्धों का संरक्षण न केवल जैव विविधता की रक्षा के लिए आवश्यक है, अपितु पर्यावरण संतुलन बनाए रखने की दृष्टि से भी अनिवार्य है. प्रदेश में गिद्ध संरक्षण को भी नई दिशा दी जा रही है. भोपाल स्थित केरवा गिद्ध प्रजनन केन्द्र से छह गिद्धों को बुधवार को पहली बार प्राकृतिक वातावरण में छोड़ा गया.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरुवार को सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि राज्य सरकार ने गिद्धों सहित अन्य पशु पक्षियों की संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण के लिए सतत प्रयास किए हैं. एशिया से लुप्त हो रहे चीतों के पुनर्वास के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दक्षिण अफ्रीका के देशों से चीते लाकर कूनो अभ्यारण में उनका संरक्षण एवं संवर्धन किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक वातावरण में छोड़े गए गिद्धों पर जीपीएस ट्रैकर लगाए गए हैं,जिससे उनके आवागमन, व्यवहार एवं सुरक्षा की सतत निगरानी सुनिश्चित की जा सके.
तोमर