PC: indianews
आपने अब तक कई जड़ी बूटियों के अनगिनत फायदों के बारे में सुना होगा लेकिन क्या कभी आपने एक कीड़े का इस्तेमाल जड़ी बूटी के तौर पर होते हुए देखा है? आज हम आपको एक ऐसे ही कीड़े के बारे में बतांएगे। दरअसल यह एक तरह का फंगस है, जिसका वैज्ञानिक नाम ओफियोकॉर्डिसेप्स साइनेंसिस है। इसे अंग्रेजी में कैटरपिलर फंगस भी कहते हैं। इसे भारत में कीड़ा जड़ी नाम से जाना जाता है लेकिन भारत में इसके इस्तेमाल पर बैन लगा हुआ है।
कहां पाया जाता है हिमालयन वियाग्रा?
इसे हिमालयन वियाग्रा भी कहते हैं। कीड़ा जड़ी भूरे रंग की कीट जैसी जड़ी-बूटी होती है। ये हिमालय में 3500 से 5000 मीटर की ऊंचाई पर पाई जाती है। भारत में यह उत्तराखंड के चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में पाई जाती है। इसके अलावा ये चीन, नेपाल और भूटान में हिमालय और तिब्बत के पठारी इलाकों में भी मिल जाएगा।
किस बीमारी में है फायदेमंद?
इसे लोग पहाड़ों में बर्फ के कम होने पर ढूंढने जाते हैं और फिर बाजार में ला कर बेच देते हैं। बाजारों में यह काफी महंगा बिकता है। हर साल एशिया में इसका कारोबार करीब 100 करोड़ रुपये का होता है। आपको जानकारी के लिए बता दें किचीन में इसका इस्तेमाल शारीरिक ऊर्जा और यौन शक्ति को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा कई रिपोर्ट्स के अनुसार इसमें कैंसर रोधी गुण होते हैं जो फेफड़े, कोलन, त्वचा और लीवर जैसे अलग-अलग कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं। ये किडनी के लिए भी फायदेमंद है। इसका सेवन करने से ब्लड शुगर और लिपिड लेवल को कम किया जा सकता है।
भारत में क्यों लगा है बैन?
भारत में इसका संग्रह तो वैध है, लेकिन कीड़ा जड़ी का व्यापार अवैध है। नेपाल में लोग इसे इकट्ठा करने के लिए पहाड़ों पर टेंट लगाते हैं और कई दिनों तक वहीं रहते हैं। यह तेजी से घट रहा है। पिछले 15 सालों में इसके उत्पादन में 30 फीसदी की कमी आई है, जिसके बाद इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर ने इसे रेड लिस्ट में डाल दिया है।