सिर्फ हड्डियां ही नहीं, Vitamin D की कमी दीमक की तरह खा रहा है शरीर का एक-एक पुर्जा! जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
GH News April 18, 2025 08:08 PM

Vitamin D Deficiency: भारत में कड़कती धूप निकलने के बावजूद भी कई लोगों की जमकर विटामिन डी की कमी हो रही है. अगर आपको भी हर समय थकान रहती है, UTI भी बार बार हो रहा है, बाल भी झड़ रहे हैं, तो तुरंत जाकर Vitamin D का टेस्ट कराएं.

Symptoms of Vitamin D Deficiency: सुबह होते ही सिर पर सूरज चमकने लगता है और यही सूरज विटामिन डी का सबसे बड़ा स्रोत है. दुनिया में सबसे ज्यादा जहां सूर्य जहां सबसे ज्यादा अपनी रोशनी बिखेरता है वो भारत है लेकिन इसी भारत की हड्डियां खोखली हो रही हैं. हालिया रिसर्च से पता चला है कि भारत की हड्डियां कमजोर तो हो ही रही हैं साथ ही रही हैं साथ ही बीमार भी हो रही हैं. क्या शहर, क्या गांव, क्या महिलाएं, क्या बुजुर्ग और बच्चे सभी विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैं. रिसर्च से पता चला है कि हर पांच में से एक भारतीय की हड्डियों में विटामिन डी की कमी से जूझ रहा है. भारतीय अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंध अनुसंधान परिषद (आईसीआरआईईआर) और एएनवीकेए फाउंडेशन की नई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है.

हालांकि, विटामिन डी की कमी से हड्डियों के कमजोर होने, गठिया (ऑस्टियोपोरोसिस), थकान जैसे लक्षण अमूमन बताए जाते हैं. लेकिन इनके अलावा अगर आप सिर दर्द, आंख की कमजोरी, बाल झड़ने, बार बार यूरिन इन्फेक्शन होने के साथ साथ यदि इनफर्टिलिटी और कार्डियक अरेस्ट की समस्या हो रही हो, या किसी को इससे परेशान होते हुए देख रहे हों. वहीं शरीर में सारे वाइटल ठीक आ रहे हैं तो ऐसी स्थिति में Vitamin D जरूर टेस्ट कराएं क्योंकि इन बीमारियों का यह भी बहुत बड़ा कारण हो सकता है. भारत में हर 5 में से 1 व्यक्ति विटामिन डी की कमी से जूझ रहा है. आकाश हेल्थकेयर में ऑर्थोपेडिक और ज्वाइंट्स के हेड और निदेशक डॉ आकाश चौधरी बताते हैं कि क्या गरीब, क्या अमीर, क्या प्रोफेशनल्स, घरों में काम करने वाले लोगों में सभी में विटामिन डी की कमी दर्ज की जा रही है. 1500 से अधिक लोगों पर रिसर्च के बाद डॉक्टरों और विशेषज्ञों का कहना है कि जब शरीर में पर्याप्त विटामिन डी नहीं होता है तो शरीर कई प्रकार के संकेत देता है.

शरीर में होते हैं ये बदलाव, तुरंत जांच कराएं विटामिन डी

डॉ. आकाश बताते हैं कि विटामिन डी कमी से कार्डियक अरेस्ट तक हो रहा है. वह बताते हैं, ‘पिछले दिनों जिस तरह से सडन कार्डियक अरेस्ट हुआ तब जब वो लोग बिल्कुल फिट थे. हमें जांच में पता चला कि इन लोगों में विटामिन डी की मात्रा बहुत कम थी.

वह आगे कहते हैं, जिन लोगों में विटामिन-डी की कमी होती है उनमें समय के साथ मांसपेशियों की कमजोरी, थकान, डिप्रेशन की बातें तो सभी जानते हैं लेकिन दिल की बीमारियों में सडन कार्डियक अरेस्ट, टाइप-2 डायबिटीज, प्रेगनेंसी में समस्या, इनफ्लेशन और इम्यूनिटी कमजोर से लेकर ब्रेस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है. उन्होंने बताया, “किडनी और लिवर पर तो इसका असर पड़ता ही है, साथ ही इन फर्टलिटी पर भी प्रभाव पड़ता है.

उन्होंने बातचीत के दौरान चौंकाने वाले खुलासे भी किए. उन्होंने कहा कि आप इसे आराम से ऐसे पता कर सकते हैं कि दिल उदास है और शरीर में सबकुछ ठीक है तो विटामिन डी चेक कराएं. यही नहीं मूड स्विंग और मेंटल हेल्थ भी इसी विटामिन डी की कमी से जुडा है. डॉ. चौधरी ने बताया पार्किसंस और साइक्रेटिक प्रॉब्लम भी होती है.

विटामिन डी हो भरपूर मात्रा में क्या करें

डॉ. आकाश बताते हैं कि जिस तरह से लोग घरों में रह रहे हैं और आउटडोर एक्टीविटी कम हो रही है जिसकी वजह से हड्डियां कमजोर हो रही हैं. उन्होंने कहा कि अपने खान पान में ब्रोकली और मशरूम को शामिल करें. लेकिन इसके साथ एक शर्त भी है कि ये दोनों ही सब्जियां भी वो वाली खानी है जो धूप में पक कर तैयार हुई हों. डॉ. कहते हैं आज कल सब्जियां बंद कमरे में तैयार कराई जा रही हैं जिससे सब्जियों को भी धूप का एक्सपोजर नहीं मिला होता है. फिर ऐसी सब्जियां खाने का कोई फायदा भी नहीं.

आकाश हेल्थकेयर के निदेशक बताते हैं डायट में बदलाव के साथ साथ विटामिन डी के डोज भी अगर नियमित तौर पर लिया जाए तो बहुत ही लाभकारी होगा और कई बीमारियों से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि 12 साल से कम के बच्चों को एक महीने में एक डोज और 12 साल से अधिक के लोगों को 2 डोज महीने में लेना चाहिए. इससे शरीर में विटामिन डी का बैलेंस बना रहता है. उन्होंने बताया कि इसका साइड इफेक्ट भी नहीं है.

बता दें कि 46 प्रतिशत बच्चे (0-10 वर्ष की आयु के) रिकेट्स से पीड़ित हैं, जबकि 80-90 प्रतिशत बुज़ुर्ग ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं, जिससे फ्रैक्चर और लांग टर्म डिसेबिलिटी का जोखिम बढ़ रहा है.

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