गर्मियों में सरसों का तेल (Mustard Oil) लगाने को लेकर अक्सर लोगों में भ्रम रहता है कि यह मौसम के हिसाब से सही है या नहीं। आयुर्वेद और घरेलू नुस्खों में सरसों का तेल सदियों से त्वचा और बालों की देखभाल के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है, लेकिन गर्म तासीर के कारण इसके उपयोग में सावधानी भी जरूरी है। इस लेख में हम जानेंगे कि गर्मियों में सरसों का तेल लगाना कैसे फायदेमंद हो सकता है, इसके संभावित नुकसान क्या हैं, और इसे इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है।
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सरसों का तेल प्राकृतिक मॉइस्चराइजर की तरह काम करता है। गर्मियों में जब त्वचा बार-बार धूप और गर्म हवाओं के संपर्क में आती है, तब यह तेल त्वचा को पोषण देकर उसे सूखने और फटने से बचाता है। इसमें मौजूद विटामिन E और एंटीऑक्सीडेंट तत्व त्वचा को झुलसने से बचाते हैं और सन टैनिंग की समस्या को कम करते हैं। सरसों के तेल के एंटीबैक्टीरियल गुण संक्रमण से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं, जिससे यह त्वचा पर घाव या एलर्जी की स्थिति में राहत देता है।
गर्मियों में बालों की जड़ों को मजबूत बनाए रखने और स्कैल्प को पोषण देने के लिए सरसों का तेल एक बेहतरीन उपाय है। यह बालों के झड़ने को कम करता है और डैंड्रफ जैसी समस्याओं से बचाव करता है। हल्का गर्म करके इसे लगाने से खून का संचार बेहतर होता है, जिससे बालों की ग्रोथ में मदद मिलती है। सरसों का तेल बालों में नमी बनाए रखता है, जिससे गर्मियों की तपिश से बाल कमजोर नहीं होते।
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हालांकि सरसों का तेल उपयोगी है, लेकिन इसकी तासीर गर्म होने के कारण यह कुछ लोगों की त्वचा पर जलन या रैशेज भी पैदा कर सकता है। जिनकी त्वचा पहले से ही ऑयली होती है, उन्हें इसके उपयोग से मुहांसों की शिकायत हो सकती है। कुछ संवेदनशील लोगों को सरसों के तेल से एलर्जी भी हो सकती है, जिससे त्वचा पर सूजन, खुजली या लालपन हो सकता है। इसलिए गर्मियों में इसके इस्तेमाल से पहले पैच टेस्ट जरूर करें।
सरसों के तेल का अधिकतम लाभ उठाने के लिए इसे सही तरीके से इस्तेमाल करना जरूरी है। त्वचा पर लगाने से पहले तेल को हल्का गुनगुना कर लें ताकि यह त्वचा में अच्छे से समा सके। शरीर पर इसे कम मात्रा में लगाएं और पूरी तरह से मालिश करें। बालों में लगाने के लिए भी इसे हल्का गर्म करें और स्कैल्प में धीरे-धीरे मालिश करें। 1 से 2 घंटे तक रखने के बाद हल्के शैम्पू से धोना उचित होता है। तेल में एलोवेरा, दही या नारियल तेल मिलाकर लगाने से अतिरिक्त फायदा मिलता है।
तेल हमेशा शुद्ध और बिना मिलावट वाला होना चाहिए। मिलावटी तेल से त्वचा संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। गर्भवती महिलाओं को सरसों के तेल का उपयोग करते समय विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद कुछ तत्व भ्रूण पर असर डाल सकते हैं। अगर आपकी त्वचा बहुत संवेदनशील है तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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