जाने कैसे गिलोय है आपके सेहत की संजीवनी, अभी पढ़े
sabkuchgyan April 19, 2025 06:38 PM

News Update (हेल्थ कार्नर ) :- आयुर्वेद में ज्यादातर रोगों में अमृता यानी गिलोय का प्रयोग अकेले या अन्य जड़ी बूटियों के साथ करने का उल्लेख है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। आइए जानते हैं इसके फायदाें के बारे में :-

कैंसर :
गिलोय का प्रयोग इस रोग के इलाज में होने वाली कीमोथैरेपी व रेडियोथैरेपी के लक्षणों को कम कर इम्युनिटी बढ़ाता है। इसके 20 – 50 मिली रस को सुबह-शाम भूखे पेट लेने से पाचनक्रिया में गड़बड़ी, सफेद व लाल रक्त कणिकाएं बनने में कमी की दिक्कत दूर होती है।

मधुमेह :

ब्लड शुगर लेवल को सामान्य रखने में गिलोय का तना, पत्तियां व जड़ उपयोगी हैं। ऐसे में इसके पत्तों का 3 ग्राम चूर्ण या पत्तियों का 250 मिली रस लेने से डायबिटीज के कारण अन्य रोगों की आशंका कम होती है।

आर्थराइटिस:
इसके लिए गिलोय के साथ सौंठ-अदरक प्रयोग कर सकते हैं। गिलोय से तैयार आयुर्वेदिक दवा के साथ इसके पत्तों को तवे पर हल्का गर्म कर कोई भी तेल लगाकर दर्द वाले स्थान पर 15 – 20 मिनट बांधने से राहत मिलेगी।

20 गिलोय के फायदे (Giloy ke Fayde in Hindi), रोज पीकर बढ़ा सकते हैं इम्यूनिटी |

किडनी:
इस अंग की गड़बड़ी होने पर एक चम्मच गिलोय रस रोजाना सुबह-शाम पीने से लाभ होता है। महिलाएं संक्रमण के कारण यूरिन में जलन होने पर गिलोय के साथ पुनर्नवा, गोखरू व वरूण की छाल के चूर्ण को ले सकती हैं।

हड्डी टूटने पर:
ऐसे में प्लास्टर के अलावा गिलोयवटि या समसमनीवटि गोली दो हफ्ते लेने से टूटी हड्डी जल्दी जुड़ती है।

सोरायसिस:
इसमें गिलोय के पत्ते का लेप प्रभावित हिस्से पर नियमित रूप से लगाने पर फायदा होता है। साथ में कुटकी, कुटज, मंजिष्ठा व नीम की गोलियां ले सकते हैं।

वायरल इंफेक्शन:
इसमें लिवर की कार्यप्रणाली बिगड़ती है। जिससे भूख कम लगने या पेट में भारीपन की दिक्कत होती है। इसमें गिलोय बेल व तुलसी के पत्तों का काढ़ा फायदेमंद रहता है।

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