वो कहते हैं न – “जब किसी पर से विश्वास उठता है, तो फिर से बनने में वक्त लगता है।” यही हो रहा है अक्षय कुमार के साथ। कभी साल में 3-4 हिट फिल्में देने वाले खिलाड़ी कुमार अब अपने करियर की सबसे मुश्किल पारी खेल रहे हैं।
‘केसरी चैप्टर 2’ रिलीज हो चुकी है, पर बॉक्स ऑफिस पर इसका हाल उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। फिल्म रिलीज के चार दिन बाद भी 50 करोड़ के आंकड़े से दूर है। लेकिन फिर भी, अक्षय ने जंग जीत ली है — हां, ये जीत कमाई की नहीं, बल्कि भरोसे की है।
🧠 क्यों मानें कि अक्षय ने हारकर भी जीत ली है बाज़ी?
1. फिल्म में दम था, कमी ऑडियंस में
‘केसरी चैप्टर 2’ में अक्षय कुमार ने दमदार एक्टिंग की है। फिल्म में उनका अभिनय, स्क्रीन प्रेज़ेंस और देशभक्ति का जज़्बा साफ झलकता है। कमी अगर है तो बस ऑडियंस के रिस्पॉन्स में।
कुछ वैसा ही हाल था सनी देओल की ‘जाट’ का, जिसकी शानदार फिल्म होने के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर धीरे-धीरे चली।
2. लोगों का भरोसा लौट रहा है
एक समय था जब अक्षय की फिल्में रीमेक्स और कमजोर स्क्रिप्ट्स का शिकार हो रही थीं। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं।
पिछली कुछ फिल्मों में उनकी एक्टिंग को तारीफ मिल रही है, और धीरे-धीरे लोग एक बार फिर अक्षय पर भरोसा करने लगे हैं।
3. धीमी लेकिन ठोस वापसी
अक्षय की वापसी धीमी जरूर है, लेकिन मजबूत है। अब भी बहुत से लोग सिर्फ अक्षय को देखने के लिए टिकट खरीदते हैं।
बीते कुछ वक्त में उनका कंटेंट चुनने का तरीका बदला है, और इससे आने वाले वक्त में बड़ी हिट्स की उम्मीद बढ़ गई है।
4. पिछली 4 फिल्मों में लगातार शानदार परफॉर्मेंस
सरफिरा
खेल-खेल में
स्काईफोर्स
केसरी चैप्टर 2
इन सभी में अक्षय कुमार का अभिनय टॉप लेवल पर था, लेकिन अफसोस कि तीन फिल्में फ्लॉप हो गईं। हालांकि, वो फिल्मों में सिर्फ एक्टिंग नहीं कर रहे — वो अपने कमबैक की नींव भी रख रहे हैं।
5. आने वाली फिल्में बदल सकती हैं खेल
अक्षय के पास कई बड़े प्रोजेक्ट्स लाइन में हैं।
अब वक्त है कि वो सोच-समझकर स्क्रिप्ट चुनें और जल्दबाज़ी से बचें।
एक गलत फैसला उनकी मेहनत पर पानी फेर सकता है, जबकि सही चॉइस उन्हें फिर से ‘हिट मशीन’ बना सकती है।
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