रात के समय तुलसी क्यों नहीं तोड़नी चाहिए, जानें क्या कहता है शास्त्र, भगवान श्रीकृष्ण से भी है इसका सम्बन्ध ι
Himachali Khabar Hindi April 23, 2025 01:42 AM

हिंदू धर्म में तुलसी को पवित्र माना जाता है। इसकी तुलना देवी से की जाती है। विष्णु पूजन में तो तुलसी अवश्य चढ़ाई जाती है। इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। इसमें कई औषधीय गुण भी होते हैं। इसलिए आप तुलसी का सेवन हेल्थ बेनीफिट के लिए कर सकते हैं। हालांकि आपको यूं ही कभी भी तुलसी नहीं तोड़ना चाहिए। इस लेकर कुछ खास नियम बनाए गए हैं। इन नियमों का पालन न करने पर तुलसी देवी नाराज हो सकती है।

शास्त्रों के अनुसार रात के समय तुलसी क्यों नहीं तोड़नी चाहिए :

आखिर रात में तुलसी तोड़ने की मनाही क्यों होती है? दरअसल तुलसी के पौधे को राधा रानी का रूप माना जाता है। वह शाम के समय श्रीकृष्ण संग रास रचाती है। इसलिए इस समय के बाद तुलसी को स्पर्श करना वर्जित माना जाता है। यदि आप इस बीच तुलसी को छू लेते हैं तो आपको तुलसी मां और श्रीकृष्ण दोनों का प्रकोप झेलना पड़ सकता है। इसी वजह से उनकी अनुपस्थिति में इस पौधे का स्पर्श भी वर्जित माना जाता है।

क्या हैं वैज्ञानिक कारण :

शाम को तुलसी न तोड़ने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी छिपा है। दरअसल सूर्यास्त के बाद तुलसी के पौधे पर कई तरह के कीड़े मकोड़े रहते हैं। ऐसे में यदि आप रात को तुलसी तोड़ते हैं तो यह कीड़े मकोड़े आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा रात में प्रकाश संश्लेषक गतिविधि भी नहीं होती है। ऐसे में बाकी पौधों की तरह तुलसी का पौधा भी रात में कॉर्बन डाइ ऑक्साइड छोड़ता है। यह गैस आपके लिए हानिकारक हो सकती है। रात में कोई प्रकाश संश्लेषक गतिविधि नहीं होती है, इसलिए अन्य पौधों की ही तरह तुसली का पौधा भी ऑक्सीजन की तुलना में अधिक कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है।

इन दिनों में भी न तोड़ें तुलसी की पत्तियां :

यदि शास्त्रों की मानें तो कुछ विशेष दिनों में भी तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए। जैसे रविवार और मंगलवार के दिन तुलसी न तोड़ें। किसी भी अमावस्या तिथि के दिन भी तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए।

यदि कोई भी ग्रहण जैसे सूर्य या चंद्र ग्रहण के दौरान तुलसी की पत्तियां भूलकर भी नहीं तोड़नी चाहिए। हालांकि ग्रहण से पहले इसकी पत्तियां तोड़कर घर में कुछ विशेष स्थानों और खाने की सामग्री के आस-पास जरूर रख देनी चाहिए जिससे ग्रहण का बुरा असर न हो।

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