ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से बच के रहें निवेशक! सेबी ने जारी की सख्त चेतावनी, हो सकती है लीगल कार्रवाई
et May 01, 2025 08:42 AM
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने निवेशकों को ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के खिलाफ चेतावनी दी है। नियामक ने निवेशकों को इन प्लेटफार्म से दूर रहने की सलाह दी है। सेबी का कहना है कि इन प्लेटफार्म का संचालन नियमों के दायरे से बाहर हो रहा है। जो निवेशकों को भारतीय प्रतिभूति कानून के अंतर्गत कोई सुरक्षा प्रदान नहीं करते। ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर सेबी की निवेशकों से अपील सेबी ने निवेशकों को ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से सतर्क रहने के लिए कहा है। नियामक के द्वारा यह कहा गया है कि इन प्लेटफॉर्म्स के द्वारा तुरंत रिटर्न और वित्तीय शब्दावली के भ्रमित वादें किए जाते हैं। इन प्लेटफार्म पर किया गया निवेश पूरी तरह से जोखिम भरा होता है। ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म क्या हैं?अब यह भी जान लेते हैं कि आखिर ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म होते क्या है। ये प्लेटफॉर्म ऑनलाइन संचालित किए जाते हैं। जिनमें यूजर्स को हां या ना के आधार पर घटनाओं के परिणाम पर ट्रेडिंग करना होता है। उदाहरण से समझते हैं-कोई खेल टीम जीतेगी या नहीं, या कोई राजनीतिक निर्णय होगा? इस पर दांव लगाना। इन प्लेटफार्म में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे निवेशक भ्रमित होते हैं। जैसे प्रॉफिट, स्टॉप लॉस और ट्रेडिंग जैसे वित्तीय शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। जिसके कारण ये प्लेटफॉर्म वैध नजर आते हैं और निवेशक इन पर भरोसा कर लेते हैं। सेबी की ये हैं चिंताएं 1. इन प्लेटफार्म पर की जाने वाली ट्रेडिंग भारतीय कानून के अंतर्गत नहीं होते हैं। ये सेबी के नियामक ढांचे में नहीं आते। इसलिए इन प्लेटफार्म से निवेशकों को दूर रहने की सलाह दी गई है। 2. इन प्लेटफार्म पर निवेशकों कि सेबी या मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज के अंतर्गत सुरक्षा प्राप्त नहीं होती है। 3. सेबी का कहना है कि ये प्लेटफॉर्म कौशल आधारित होने का दावा करते हैं, लेकिन ये जुए के समान हैं। 4. ये ना हीं मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज होते हैं और ना ही सेबी के साथ पंजीकृत होते हैं। 5. सेबी ऐसे प्लेटफार्म के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर सकता है। क्योंकि यह कारोबार ओपिनियन ट्रेडिंग के अंतर्गत आते हैं जो गैर-कानूनी होते हैं। बता दें की फरवरी 2025 में एक यूजर ने सुप्रीम कोर्ट में इन प्लेटफार्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए याचिका दी थी। उस याचिका में यह दावा किया गया कि ये प्लेटफॉर्म यूजर्स को वास्तविक समय में सट्टेबाजी के लिए प्रेरित करते हैं।अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म स्टॉक मार्केट नियामकों के दायरे में आते हैं। ऐसा भारत में भी नियम बनाने की मांग की गई है। सेबी का निवेशकों के लिए सुझाव 1. सेबी का कहना है कि केवल मान्यता प्राप्त और पंजीकृत स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से ही निवेश करें। 2. कहीं भी निवेश करने से पहले किसी भी प्लेटफार्म के बारे में उसके नियामक स्थिति और विश्वसनीयता की जांच पड़ताल जरूर करें। 3. सोशल मीडिया और अनियंत्रित प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से निवेश की सलाह मानकर निवेश करने से बचें।
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