कोलकाता, 02 मई . कलकत्ता हाईकोर्ट ने अदालत परिसर के पास कुछ वकीलों के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कोलकाता पुलिस आयुक्त को जांच रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. यह मामला 25 अप्रैल की शाम कोर्ट परिसर के निकट किरण शंकर रॉय रोड और ओल्ड पोस्ट ऑफिस स्ट्रीट के जंक्शन पर हुआ था.
मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगणनम ने इस घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए तीन सदस्यीय विशेष पीठ का गठन किया, जिसमें न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी, न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज शामिल हैं. पीठ ने पुलिस आयुक्त को जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
अदालत ने आयुक्त को निर्देश दिया कि वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं. कोर्ट ने पुलिस आयुक्त को यह भी आदेश दिया कि घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज संरक्षित किया जाए और आगामी 19 मई तक पूरी रिपोर्ट पेश की जाए.
पीठ ने इस मामले में कहा कि प्रारंभिक तौर पर यह आपराधिक अवमानना का मामला बनता है क्योंकि इससे न्याय प्रक्रिया में हस्तक्षेप हुआ और न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंची है. अदालत ने आठ कथित अवमाननाकर्ताओं को नोटिस जारी करने का आदेश दिया और सभी संबंधित हलफनामों तथा सामग्री की प्रतियां उन्हें उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. आरोपितों को नोटिस प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर अपना पक्ष दाखिल करने की छूट दी गई है.
मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता बिकाश रंजन भट्टाचार्य के साथ दुर्व्यवहार की बात सामने आई है. आरोप है कि उन्हें और उनके सहयोगियों को उनके चेंबर के सामने कुछ लोगों ने घेर लिया और उनके साथ अभद्र व्यवहार किया. इस घटना को लेकर कई वकीलों ने अदालत का ध्यान आकर्षित किया और आरोप लगाया कि हमलावर संभवतः कुछ वादियों से जुड़े हुए लोग थे.
अदालत ने इस मामले में एडवोकेट जनरल, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तथा हाईकोर्ट की तीनों प्रमुख बार संस्थाओं—बार एसोसिएशन, बार लाइब्रेरी क्लब और इनकॉरपोरेटेड लॉ सोसाइटी — के सचिवों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. वकीलों ने अदालत को यह भी बताया कि इस घटना को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है.
/ ओम पराशर