क्या है झांग युनलाई की अनोखी जीवनशैली? जानें चार साल तक कार में रहने का रहस्य!
Stressbuster Hindi May 04, 2025 08:42 PM
एक अनोखी जीवनशैली का सफर

Unique Lifestyle of Software Engineer Who Spent 4 Years in a Car

Unique Lifestyle of Software Engineer Who Spent 4 Years in a Car

अनोखी जीवनशैली: हम में से अधिकांश लोग जीवनभर मेहनत करते हैं ताकि एक आरामदायक घर का सपना पूरा कर सकें। लेकिन सोचिए, अगर किसी के पास पहले से ही एक शानदार घर हो, फिर भी वह अपनी इच्छा से उसे छोड़कर चार साल तक एक कार में जीवन बिताए, तो क्या आप चौंकेंगे? चीन के सॉफ्टवेयर डेवलपर झांग युनलाई ने ऐसा ही किया है। उनका यह निर्णय न तो किसी मजबूरी में लिया गया था और न ही आर्थिक तंगी के कारण। इसके पीछे एक अनूठी सोच और जीवन जीने का एक अलग प्रयोग है। आइए जानते हैं इस दिलचस्प कहानी के बारे में विस्तार से -


झांग युनलाई की कहानी: सादगी में खुशी की खोज

चीन के गुआंगडोंग प्रांत के यांगजियांग से ताल्लुक रखने वाले झांग युनलाई एक सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं। उनके पास अपने गृहनगर में एक भव्य चार मंजिला मकान है। लेकिन जब वह छह साल पहले शेनझेन में काम करने आए, तो उन्होंने एक ऐसा निर्णय लिया जिसने उनकी जीवनशैली को पूरी तरह बदल दिया। शुरुआत में, झांग ने एक किराए के फ्लैट में रहना शुरू किया, जिसका मासिक किराया लगभग 29,225 रुपये था। लेकिन एक बार पार्क में कैम्पिंग का अनुभव करने के बाद, उन्हें एहसास हुआ कि साधारण जीवन कितना सुखद हो सकता है। इस अनुभव ने उन्हें घर की चार दीवारों से बाहर निकलकर खुले आसमान के नीचे जीने की प्रेरणा दी।


एक अनोखी दिनचर्या

झांग की दिनचर्या बेहद व्यवस्थित है, लेकिन यह पारंपरिक जीवनशैली से अलग है। उनका खाना कंपनी के कैफेटेरिया से मिलता है, नहाना वह जिम और सार्वजनिक पार्क के शौचालयों में करते हैं, कपड़े धोने का काम वह वीकेंड पर घर जाकर करते हैं, और रात बिताने के लिए वह अपनी कार में गद्दा बिछाकर पार्क में सोते हैं.


कम खर्च में बेशकीमती अनुभव

झांग का कहना है कि इस जीवनशैली के कारण उनका दैनिक खर्च बहुत कम हो गया है। उनका खाना और अन्य जरूरतें लगभग 1,168 रुपये प्रतिदिन हैं, जबकि ऑफिस में पार्किंग शुल्क 233 रुपये और अन्य स्थानों पर 70 रुपये प्रतिदिन है.


परिवार से संबंध बनाए रखा

हालांकि वह सप्ताह के अधिकांश दिन कार में रहते हैं, लेकिन सप्ताहांत पर वह 300 किलोमीटर की यात्रा करके अपने घर जाते हैं। वहां वह अपने परिवार के साथ समय बिताते हैं और जरूरी घरेलू काम जैसे कपड़े धोना आदि भी करते हैं.


सामाजिक परंपराओं से परे एक सोच

झांग युनलाई की यह कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या जीवन का असली सुख सिर्फ बड़े घर, ज्यादा कमाई और भौतिक सुख-सुविधाओं में है? या फिर सादगी, स्वतंत्रता और आत्म-संतोष में? यह कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो जीवन की दौड़ में सुख-सुविधाओं की चाहत में अपने 'खुश रहने के तरीके' को भूल चुके हैं.


© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.