रेलवे में भ्रष्टाचार का भंडाफोड़! पार्किंग और Pay-&-Use टॉयलेट स्कीम में सामने आया लाखों का फर्जीवाड़ा, जाँच में जुटी सीबीआई
aapkarajasthan May 05, 2025 01:42 PM

जोधपुर के राइका बाग रेलवे स्टेशन पार्किंग स्टैंड के ठेकेदार के खिलाफ 21 लाख रुपए की धोखाधड़ी के मामले की जांच सीबीआई अभी कर ही रही है कि अब इसी ठेकेदार और पांच अन्य ठेकेदारों के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज हुई है। इन आरोपियों ने कुछ रेलवे कर्मचारियों से मिलीभगत कर 64 लाख रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी की। इनमें से छह ठेके पार्किंग से जुड़े थे, जबकि दो ठेके पे-एंड-यूज शौचालयों के संचालन के थे। इनमें धोखाधड़ी का तरीका भी राइका बाग रेलवे स्टेशन की पार्किंग को लेकर सामने आए मामले जैसा ही था। सीबीआई की ओर से 2 मई को दर्ज एफआईआर के अनुसार जोधपुर के सीनियर डीसीएम विकास खेड़ा की ओर से 21 अप्रैल को शिकायत दी गई थी। 

शिकायत में बताया गया कि उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल में स्टेशन पर पार्किंग स्टैंड और शौचालयों के संचालन के लिए ठेके किए गए थे, जो मई 2022 से मई 2024 तक की अवधि के लिए थे। इनमें ठेका फर्म लोकेश चंद मीना को 4 पहिया वाहन पार्किंग, मेसर्स को 10 पहिया वाहन पार्किंग, मेसर्स को 10 पहिया वाहन पार्किंग का ठेका दिया गया था। संगम आर्ट के पास पे एंड यूज शौचालय व स्नानगृह (प्लेटफार्म नंबर 1 व वेटिंग हॉल) के दो ठेके थे, मेसर्स कृष्णा इंटरप्राइजेज के पास दो पहिया वाहन पार्किंग, बबलू राम मीना के पास चार पहिया वाहन पार्किंग, असपाक खान के पास राइका बाग पार्किंग, प्रमोद मीना के पास चार पहिया वाहन व दो पहिया वाहन पार्किंग के दो ठेके थे। आय मिलान के दौरान इन सभी 8 स्थानों पर वित्तीय गबन का खुलासा हुआ।

15 डिमांड ड्राफ्ट में 39.44 लाख की राशि निरस्त
सीबीआई को मिली रिपोर्ट के अनुसार - इन सभी 6 ठेकेदारों ने रेलवे से ठेका लेने की शर्तों के अनुसार 39 लाख 43 हजार 725 रुपए के 15 डिमांड ड्राफ्ट बनवाए, लेकिन कुछ रेलवे कर्मियों की मिलीभगत से इन्हें निरस्त कर अपने खातों में जमा करवा लिया। इतना ही नहीं, आरोपियों ने ठेका अवधि के दौरान निर्धारित लाइसेंस फीस व अन्य श्रेणी की राशि भी जमा नहीं करवाई। इस तरह रेलवे के साथ 64.62 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई।

रेलवे के नाम पर डिमांड ड्राफ्ट, ठेकेदारों ने खुद ही भुनाया रेलवे सूत्रों के अनुसार लाइसेंस फीस जमा कराने के लिए इन सभी ठेकेदारों ने रेलवे के नाम पर डिमांड ड्राफ्ट बनवाकर एक बार जमा भी करवा दिया, लेकिन उस राशि को रेलवे के खाते में जमा कराने की बजाय ठेकेदारों ने कर्मचारियों की मिलीभगत से खुद ही भुना लिया। सीबीआई की एफआईआर में रेलवे कर्मियों का भी नाम उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी सीबीआई ने कुछ दिन पहले एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें महिला रेलवे अधिकारी मनीला चौहान समेत अन्य का नाम था। उस मामले में जोधपुर मंडल के राइकाबाग रेलवे स्टेशन पर पार्किंग का ठेका अहमदाबाद की फर्म मेसर्स श्री आरोही एंटरप्राइजेज को सितंबर 2022 में 3 साल के लिए 28.49 लाख रुपए में दिया गया था। 

उसमें भी लाइसेंस फीस जमा कराने के लिए बनवाए गए डिमांड ड्राफ्ट को भी ठेकेदार ने खुद ही भुना लिया। कार्यालय द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ठेकेदार मेसर्स श्री आरोही एंटरप्राइजेज ने वाणिज्य विभाग की सामान्य शाखा में कार्यालय अधीक्षक के पद पर कार्यरत मनीला चौहान के साथ साजिश करके वर्ष 2023 से मार्च 2025 तक के लिए 18 लाख 47 हजार 702 रुपये के कुल 19 डिमांड ड्राफ्ट भुना लिए। इसके लिए रेलवे अधिकारी चौहान ने डीडी को लेखा विभाग में जमा करने की बजाय ठेकेदार को वापस कर दिया और अपने ही विभाग के राजस्व में सेंध लगाई। इस तरह इस गिरोह ने रेलवे को 20.95 लाख से अधिक का नुकसान पहुंचाया।

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