देश के राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ ने सोमवार को यह जानकारी दी। उसने कहा कि नेताओं ने बातचीत के दौरान आतंकवाद के किसी भी स्वरूप के खिलाफ बिना किसी समझौते के लड़ाई की आवश्यकता पर जोर दिया। क्रेमलिन ने एक बयान में कहा, भारतीय नेता ने रूसी राष्ट्रपति को वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया है।
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राष्ट्रपति पुतिन ने इस निमंत्रण को कृतज्ञतापूर्वक स्वीकार कर लिया गया है। इसमें कहा गया कि उन्होंने रूस और भारत के बीच संबंधों की रणनीतिक प्रकृति पर जोर दिया। बयान में कहा गया कि दोनों देशों के बीच संबंधों पर किसी भी तरह के बाहरी प्रभाव से असर नहीं पड़ता है तथा ये सभी दिशाओं में आगे बढ़ते रहते हैं।
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सरकारी रेडियो ‘वेस्टी एफएम’ द्वारा जारी समाचार में कहा गया कि राष्ट्रपति पुतिन ने 22 अप्रैल को पहलगाम में भारतीय नागरिकों पर हुए क्रूर आतंकवादी हमले की निंदा की और इस घटना में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने (पुतिन) मोदी को आश्वासन दिया कि रूस आतंकवाद के सभी रूपों का मुकाबला करने में भारत के साथ खड़ा है। प्रधानमंत्री ने रूस के ‘विक्ट्री डे’ की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर रूसी राष्ट्रपति को शुभकामनाएं दीं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour