Reesi & Ramban लोग बांधों को बंद करने के निर्णय का समर्थन करते हैं, (News), श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में घातक आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत सरकार द्वारा लिया जा रहे कड़े फैसलों को जम्मू-कश्मीर लोगों का भी समर्थन मिल रहा है। बता दें कि जेएंडके में चिनाब नदी पर केंद्र सरकार के निर्देशानुसार बगलिहार जलविद्युत परियोजना के अलावा सलाल बांध के भी सभी गेट बंद कर दिए गए हैं जिसका क्षेत्र के निवासियों ने पूरी तरह समर्थन किया है। रियासी क्षेत्र से प्राप्त नवीनतम तस्वीरों में चिनाब नदी पर सलाल बांध के सभी गेट बंद दिखाई दे रहे हैं। वहीं रामबन से प्राप्त तस्वीरों में चिनाब नदी पर बगलिहार जलविद्युत परियोजना बांध के सभी गेट भी बंद दिखाई दे रहे हैं।
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पहलगाम में आतंकियों ने कर दी है 26 लोगों की हत्या
गौरतलब है कि आतंकियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में 26 लोगों की हत्या कर दी थी जिसके विरोध में केंद्र सरकार अब तक पड़ोसी मुल्क के खिलाफ कई कड़े निर्णय ले चुकी है। पाकिस्तान से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार बगलिहार और सलाल बांध के गेट बंद करने से वहां पानी की कमी दर्ज की गई है।
पाकिस्तान के लिए बुरे दिन आ रहे : स्थानीय निवासी
जम्मू-कश्मीर के लोगों ने पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान की कड़ी निंदा की है। पाकिस्तान की कार्रवाई की निंदा की है। साथ ही चेतावनी दी है कि लगातार उकसावे से युद्ध हो सकता है और भारत के हालिया उपायों के लिए अपना समर्थन दोहराया है। एक स्थानीय निवासी ने मीडिया से बात में कहा, पाकिस्तान के लिए बुरे दिन आ रहे हैं, क्योंकि उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे क्या कर रहे हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसा लगता है कि देश अपने कार्यों के परिणामों को अनदेखा कर रहा है। एक अन्य व्यक्ति कहा, भारत द्वारा पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए उठाया गया यह कदम बहुत अच्छा है। 26 निर्दोष लोगों की मौत के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है और उसे अब समझ आएगा कि आतंकवाद से साठगांठ का क्या अंजाम होता है।
भारत के फैसले ने पाकिस्तान चिंतित
सिंधु नदी संधि को स्थगित रखने के भारत के फैसले ने पाकिस्तान में चिंता पैदा कर दी है। पाकिस्तान की सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) सलाहकार समिति ने सोमवार को भारत द्वारा कम आपूर्ति के कारण मारला में चिनाब नदी के प्रवाह में अचानक कमी पर गहरी चिंता व्यक्त की, जिसके परिणामस्वरूप शुरुआती खरीफ सीजन के दौरान पाकिस्तान में 21% पानी की कमी हो सकती है।
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