बिहार की राजधानी पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास के पास मंगलवार को शिक्षक भर्ती परीक्षा के पूरक परिणाम जारी करने की मांग को लेकर धरना दे रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे वहां अफरातफरी मच गई।
प्रदर्शनकारियों ने शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई-3) के पूरक परिणाम जारी करने की मांग को लेकर एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास के गेट के बाहर प्रदर्शन किया। पूरा इलाका उच्च सुरक्षा वाला क्षेत्र है और वहां इस तरह के किसी भी प्रदर्शन की इजाजत नहीं है।
बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर राज्य सरकार और परीक्षा आयोजित करने वाले बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के खिलाफ नारेबाजी की।
सचिवालय-1 की अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) अनु कुमारी ने प्रदर्शनकारियों से तुरंत क्षेत्र खाली करने का अनुरोध किया, क्योंकि वहां ऐसी गतिविधियां प्रतिबंधित हैं।
जब प्रदर्शनकारियों ने वहां से हटने से इनकार कर दिया तो पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। हालांकि, एसडीपीओ ने पत्रकारों से बात करने से इनकार कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि लाठीचार्ज में कई लोग घायल हुए, जिसे अधिकारियों ने नकार दिया।
प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों में से एक कृति दत्त ने बताया कि वे पिछले चार महीनों से गर्दनीबाग इलाके में प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमने मंत्रियों से लेकर सचिवों और विधायकों तक सभी से संपर्क किया, लेकिन किसी ने भी हमें कोई समाधान नहीं दिया।"
एक अन्य अभ्यर्थी ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि इस मुद्दे पर बीपीएससी को एक पत्र भेजा गया है, लेकिन अभी तक कुछ नहीं किया गया है।
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अवकाश कुमार से इस घटना पर टिप्पणी के लिए कई बार सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया।
बीपीएससी ने मार्च 2024 में शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की थी और टीआरई-3 के तहत कुल 87,774 पदों की घोषणा की गई थी। हालांकि, अभी तक लगभग 51,000 अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति पत्र मिले हैं। अधिकारियों ने पहले पूरक परिणाम का वादा किया था, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है।
पीटीआई के इनपुट के साथ