आधार से वोटर आईडी लिंक करने का चुनाव आयोग का निर्णय
Gyanhigyan May 07, 2025 09:42 AM
आधार और वोटर आईडी का लिंक

भारत के निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में आधार और वोटर आईडी (EPIC) को आपस में जोड़ने का निर्णय लिया है। आयोग ने इस संबंध में एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह कदम संविधान के अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के अनुसार उठाया जाएगा।


इससे पहले, सरकार ने पैन कार्ड को आधार से जोड़ने का निर्णय लिया था।


बयान में उल्लेख किया गया है कि निर्वाचन आयोग 1950 के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 326 और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के अनुसार ईपीआईसी को आधार से जोड़ने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। इस बैठक में सीईसी ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में अन्य आयोग के सदस्य और तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल थे।


मतदान का अधिकार और आधार का महत्व

मतदान का अधिकार केवल भारत के नागरिकों को ही मिलता है


भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, मतदान का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को दिया जाता है, जबकि आधार कार्ड एक व्यक्ति की पहचान स्थापित करने का माध्यम है। इसलिए, ईपीआईसी को आधार से जोड़ने का निर्णय संविधान के प्रावधानों के अनुसार लिया गया है। इसके लिए यूआईडीएआई और ईसीआई के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच जल्द ही तकनीकी परामर्श शुरू होगा।


फर्जी वोटरों की पहचान में सहायता

फर्जी वोटरों की पहचान में मिलेगी मदद


चुनाव आयोग ने हाल ही में यह निर्णय लिया है कि वह अगले तीन महीनों में डुप्लिकेट नंबर वाले वोटर आईडी को नए EPIC नंबर जारी करेगा। आयोग ने स्पष्ट किया कि डुप्लिकेट नंबर का होना फर्जी वोटर होने का संकेत नहीं है। आधार को EPIC से जोड़ने का मुख्य उद्देश्य वोटर लिस्ट में सुधार करना और उसे साफ-सुथरा बनाना है।


इस प्रक्रिया के लागू होने से फर्जी वोटिंग पर नियंत्रण पाया जा सकेगा, जिससे एक व्यक्ति के कई स्थानों पर वोट डालने की संभावना समाप्त हो जाएगी और चुनावी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी हो सकेगी।


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