जीवन और मृत्यु का नियंत्रण भगवान के हाथ में होता है। कब, क्यों और कैसे किसी की मृत्यु होगी, यह केवल ईश्वर ही जानते हैं। हालांकि, हमारे धार्मिक ग्रंथों में कुछ ऐसे कार्यों का उल्लेख है, जो हमारी आयु को कम कर सकते हैं। गरुड़ पुराण के संक्षिप्त अंक में ऐसे कार्यों की जानकारी दी गई है।
रात में दही खाना – गरुड़ पुराण के अनुसार, रात में दही का सेवन करने से आयु कम होती है। दही स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है, लेकिन रात में इसे खाने से पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। आयुर्वेद में भी रात को दही खाने से मना किया गया है, क्योंकि रात में भोजन के बाद शारीरिक गतिविधि कम होती है, जिससे पाचन में कठिनाई होती है।
मांस का सेवन – मांस खाने से भी आयु कम होती है। मांस में कई हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस होते हैं, जो स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। मनुष्य का पाचन तंत्र मांस को सही से पचाने के लिए अनुकूल नहीं है, जिससे विभिन्न रोग उत्पन्न हो सकते हैं।
सुबह देर तक सोना – सुबह देर तक सोने से भी आयु कम होती है। आयुर्वेद के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त में शुद्ध वायु होती है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। यदि कोई व्यक्ति देर तक सोता है, तो वह इस शुद्ध वायु का लाभ नहीं उठा पाता, जिससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
श्मशान के धुएं से – श्मशान में शवों का दाह संस्कार किया जाता है, जिससे बैक्टीरिया और वायरस वातावरण में फैलते हैं। जब कोई व्यक्ति इस धुएं के संपर्क में आता है, तो ये हानिकारक तत्व उसके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
सुबह व अत्यधिक मैथुन – सुबह के समय मैथुन करने से भी आयु कम होती है। महापुरुषों ने इस समय को योग और प्राणायाम के लिए निर्धारित किया है। अत्यधिक मैथुन से शरीर कमजोर होता है, जिससे रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।