भारत में आईपीएल सीजन पूरे जोरों पर है। क्रिकेट जगत की इस सबसे मूल्यवान लीग में कई वेस्टइंडीज के क्रिकेटर भी खेल रहे हैं। आईपीएल है तो पार्टी तो होगी ही। लेकिन हम जिस प्रेम कहानी की बात करने जा रहे हैं, वह न तो किसी आईपीएल पार्टी की हकीकत है और न ही इसमें खेलने वाले किसी कैरेबियाई क्रिकेटर की जिंदगी की। बल्कि, एक प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री के साथ यह रंगीन प्रेम कहानी एक वेस्टइंडीज क्रिकेटर की है, जो अपने समय में बल्लेबाजी का महाशक्ति था। जिसकी अपनी आभा थी। और, शायद यह उनकी आभा का ही असर था कि जयपुर में एक पार्टी में बॉलीवुड अभिनेत्री उनसे प्यार करने लगी।
विव रिचर्ड्स-नीना गुप्ता की प्रेम कहानी...जयपुर में हुई थी पहली मुलाकात
हम बात कर रहे हैं विवियन रिचर्ड्स और नीना गुप्ता की प्रेम कहानी की, जिसे खुद बॉलीवुड एक्ट्रेस ने अपनी किताब- सच कहूँ तो माँ में खुलकर बताया है। यह घटना 1980 के दशक की है। पुस्तक के अनुसार, नीना गुप्ता की पहली मुलाकात विवियन रिचर्ड्स से जयपुर की महारानी द्वारा आयोजित एक डिनर पार्टी में हुई थी, जो मैच के तुरंत बाद हुई थी। पार्टी में विवियन रिचर्ड्स को देखकर नीना गुप्ता का दिल टूट गया। अब जब दोनों की मुलाकात जयपुर की महारानी द्वारा दी गई एक पार्टी में हुई। लेकिन उसके बाद, हम उतनी ही जल्दी अलग हो गये। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि विव वेस्टइंडीज लौट गए और उन्होंने नंबर एक्सचेंज नहीं किया।
वे पहली बार मिले और अलग हो गए, लेकिन किस्मत ने उन्हें फिर से साथ ला दिया।
खैर, किस्मत ने नीना गुप्ता और विव रिचर्ड्स को फिर से साथ ला दिया। इस बार मुलाकात दिल्ली हवाई अड्डे पर हुई, जहां दोनों ने वह गलती नहीं की जो पिछली मुलाकात में की थी। इस बार न केवल संपर्क विवरणों का आदान-प्रदान हुआ, बल्कि संबंध भी अच्छी तरह आगे बढ़े।
नीना गुप्ता हुईं प्रेग्नेंट, किताब में बताई पूरी कहानी
विव रिचर्ड्स फिर से वेस्टइंडीज लौट आये। लेकिन अपने प्यार की छाप छोड़ कर। इधर नीना गुप्ता गर्भवती हो गईं। अब चूंकि वह विवाहित नहीं थी, इसलिए उसे बहुत सी सलाह मिल रही थी। किसी ने उन्हें गर्भपात कराने की सलाह दी, तो किसी ने उन्हें एकल मां होने की समस्याओं के बारे में बताया। लेकिन, सबकी बात सुनने के बाद नीना गुप्ता ने फैसला किया कि वह अपने बच्चे को इस दुनिया में लाएगी।
उन्होंने अपनी पुस्तक में भी इसका उल्लेख किया है। नीना के मुताबिक विवियन के साथ रिश्ते की वजह से ही वह गर्भवती हुईं, जिसके बाद उन्हें काफी सलाह मिली। उन्होंने कहा कि मैंने सबकी बातें धैर्यपूर्वक सुनीं क्योंकि मैं जानता था कि सभी को मेरी परवाह है। लेकिन जब मैंने अकेले में खुद से पूछा कि मुझे क्या करना चाहिए, तो मुझे जवाब मिल गया। और, मैंने गर्भावस्था को बरकरार रखने का निर्णय लिया।
नीना गुप्ता ने किताब में लिखा है कि मुझे समझ में आ गया था कि मैं जिस स्थिति में थी, उसमें मैं अकेली नहीं थी, बल्कि बच्चे के पिता विवियन भी वहां थे। विवियन को भी वही अधिकार प्राप्त थे। तो मैंने एक दिन उसे फोन किया और उससे काफी देर तक बात की। मैंने उसे बताया कि मैं गर्भवती हूं। क्या आपको कोई आपत्ति है यदि मैं आपका नाम बताऊं? नीना के अनुसार, यह सुनकर विवियन खुशी से उछल पड़े और कहा, "बिल्कुल।"
नीना गुप्ता ने आगे लिखा कि विवियन की ये बात सुनकर मुझे लगा कि मैं जो भी कर रही हूं वो सही है। उसमे कुछ भी गलत नहीं था। विवियन की हाँ ने उसे आत्मविश्वास दिया। हालांकि, उन्होंने लिखा कि यदि विवियन ने इनकार कर दिया होता तो शायद मैं इस मामले को आगे बढ़ाने के बारे में सोचती भी नहीं।