शेयर बाजार में सोच-समझकर कर रहे हैं ट्रेडिंग, फिर भी हो रहा नुकसान? जानिए कहां पर आपसे हो रही चूक
et May 08, 2025 03:42 AM
ट्रेडिंग में सफलता तब मिलती है जब आप अपने फैसले सही जानकारी और बाजार के ट्रेंड को देखकर लेते हैं. लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि आपके फैसलों पर आपकी इमोशन हावी हो जाती हैं जैसे- डर, लालच या जल्दबाजी में मुनाफा कमाने की चाह. अगर आप चाहें तो इन इमोशन्स को काबू में रखकर बेहतर ट्रेडिंग कर सकते हैं. आप यहां पर जानेंगे कि आपकी इमोशन कैसे आपके फैसलों को प्रभावित करती हैं, कौन-कौन सी आम मानसिक गलतियां ट्रेडिंग में होती हैं और कैसे आप खुद को शांत और अनुशासित रखकर सही फैसले ले सकते हैं. इमोशन को कंट्रोल करना जरूरी क्यों है?ट्रेडिंग सिर्फ इस बात से तय नहीं होती कि आप स्क्रीन के सामने कितने शांत दिखते हैं. असली सफलता तब मिलती है जब आप अंदर से भी संतुलित रहते हैं और अपने बनाए हुए प्लान पर भरोसा करते हैं. अगर आप डर के कारण जल्दी ट्रेड छोड़ देते हैं, या लालच में आकर बिना सोचे निवेश कर देते हैं, तो नुकसान हो सकता है. इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपकी ट्रेडिंग लगातार बेहतर हो, तो सबसे पहले अपनी इमोशन्स को समझें और कंट्रोल में रखें.जब आप ट्रेडिंग करते हैं, तो कई बार ऐसा होता है कि आप सोचते हैं आप सही फैसला ले रहे हैं, लेकिन आपकी सोच पर आपकी इमोशन का असर होता है. ऐसे में बिना सोचे-समझे लिए गए फैसले बाद में नुकसान दे सकते हैं. आइए कुछ ऐसी आम गलतियों को जानें जो अक्सर ट्रेडिंग में होती हैं:- नुकसान का डरजब आपको लगता है कि अगर आपने अभी ट्रेड क्लोज किया तो नुकसान हो जाएगा, तो आप उस पोजीशन को बनाए रखते हैं - भले ही वो लगातार घाटा दे रहा हो. आप बस यही सोचते हैं कि शायद कुछ समय में वह रिकवर हो जाए. लेकिन ऐसा करने से नुकसान और बढ़ सकता है. सिर्फ मनपसंद जानकारी पर भरोसाआप वही बातें और आंकड़े खोजते हैं जो आपकी सोच को सही साबित करें. मान लीजिए आपने सोचा कि शेयर ऊपर जाएगा - तो आप बस उसी तरह की खबरें देखेंगे, जो इस सोच को मजबूत करें. इससे आप बाकी जरूरी चेतावनियों को नजरअंदाज कर देते हैं. जरूरत से ज्यादा आत्मविश्वासअगर आप सोचते हैं कि आप हर बार सही साबित होंगे, तो आप कई बार लापरवाही में बड़े ट्रेड लेते हैं. ऐसा आत्मविश्वास आपको गलत दिशा में ले जा सकता है और आपकी गलतियों से सीखने की क्षमता को भी कम कर देता है. भीड़ की नकल करनाअगर बाजार में सब लोग किसी शेयर को खरीद रहे हैं, तो आप भी बिना सोचे वही करते हैं. आप यह नहीं सोचते कि वो ट्रेड आपके लिए सही है या नहीं. इस वजह से आप गलत समय पर खरीदी या बिक्री कर सकते हैं. हाल की घटनाओं पर ज्यादा ध्यान देनाअगर आपने हाल ही में मुनाफा कमाया है, तो आप सोच सकते हैं कि अब हर ट्रेड में फायदे होंगे और ज्यादा जोखिम ले लेते हैं. वहीं, अगर आपको हाल ही में नुकसान हुआ है, तो आप डर के मारे कोई ट्रेड लेना ही बंद कर देते हैं. ये दोनों ही सोच गलत फैसलों की वजह बनती हैं. एक ही आंकड़े से चिपक जानाअगर आपने किसी शेयर का एक दाम पहले देखा और मान लिया कि वो सही है, तो आप उसी आंकड़े के आधार पर आगे के फैसले लेते हैं- भले ही बाजार की स्थिति बदल चुकी हो. इस वजह से आप नई जानकारी को नजरअंदाज कर सकते हैं और मौके गंवा सकते हैं. इन गलतियों से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आप हर बार सोच-समझकर और शांत दिमाग से फैसला लें न कि इमोशन में आकर. ट्रेडिंग में इमोशन्स को कंट्रोल करने के आसान उपायट्रेडिंग करते समय अगर आप अपनी इमोशन्स पर काबू नहीं रखते, तो फैसले गलत हो सकते हैं. हमनें कुछ आसान और असरदार तरीके दिए गए हैं, जो आपकी मदद करेंगे शांत और सोच-समझकर ट्रेडिंग करने में:- एक सही ट्रेडिंग प्लान बनाएंट्रेडिंग शुरू करने से पहले तय करें कि आप कितना पैसा लगाएंगे, कब ट्रेड में एंट्री करेंगे और कब बाहर निकलेंगे. साथ ही यह भी सोचें कि कितना नुकसान झेल सकते हैं. जब आपके पास एक क्लियर प्लान होता है, तो इमोशन्स के कारण भटकना मुश्किल होता है. स्टॉप-लॉस और टेक-प्रॉफिट का इस्तेमाल करेंये ऐसे ऑर्डर होते हैं जो आपकी ट्रेड को तय किए गए मुनाफे या नुकसान पर अपने-आप क्लोज कर देते हैं. इससे आप जल्दबाजी में फैसला नहीं लेते और जरूरत से ज्यादा नुकसान से बच जाते हैं. एक ही ट्रेड में सारा पैसा न लगाएंअगर आप अपना पूरा पैसा एक ही ट्रेड में लगा देंगे, तो थोड़ा सा उतार-चढ़ाव भी आपको परेशान कर सकता है. बेहतर है कि आप अपने पैसे को छोटे-छोटे हिस्सों में अलग-अलग ट्रेड्स में लगाएं. इससे आप इमोशनल रूप से ज्यादा संतुलित रहेंगे. लंबी सोच रखें हर छोटे उतार-चढ़ाव पर ध्यान देने के बजाय, इस बात पर ध्यान दें कि आपकी स्ट्रेटेजी लंबे समय में कितना अच्छा कर रही है. इससे आप हर छोटी बात पर घबराएंगे नहीं. ट्रेडिंग जर्नल बनाएंहर ट्रेड में आपने क्या किया, क्यों किया, और उस समय क्या महसूस किया- ये सब एक डायरी या डिजिटल नोट में लिखते रहें. जब आप इसे समय-समय पर पढ़ेंगे, तो आपको अपनी गलतियों और इमोशनल वीकनेस को पहचानने में मदद मिलेगी. माइंडफुलनेस का प्रैक्टिस करेंध्यान लगाना, गहरी सांस लेना या थोड़ी देर आंखें बंद कर के शांत बैठना- ये सब आपके दिमाग को शांत रखने में मदद करता है. ऐसा करने से आप ज्यादा फोकस में रहते हैं और जल्दबाजी में फैसले नहीं लेते. इमोशन्स पर कंट्रोल कैसे पाएं – एक-एक करके समझते हैंपहचानें कि आप क्या महसूस कर रहे हैं : अगर आपको डर लग रहा है, या बहुत ज्यादा उत्साहित हो रहे हैं, तो उसे नोटिस करें. जब आप अपने इमोशन्स को पहचानते हैं, तभी आप उन्हें संभाल सकते हैं.
  • अपने प्लान पर टिके रहें : आपने जो पहले से योजना बनाई है, उसी के हिसाब से काम करें. डर या लालच में आकर प्लान न बदलें.
  • थोड़ी देर ब्रेक लें : अगर आपको लगे कि आप ज्यादा टेंशन में हैं या बहुत भावुक हो गए हैं, तो स्क्रीन से थोड़ा हट जाएं. एक छोटा ब्रेक आपके दिमाग को रीसेट करने में मदद करता है.
अगर आप अपनी इमोशन्स को पहचानें, उन्हें कंट्रोल में रखें और एक डिसिप्लिन के साथ ट्रेड करें तो आपकी सफलता की संभावना बहुत बढ़ जाती है.
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