केंद्र सरकार के 36 लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है, और इसकी औपचारिक घोषणा मई 2025 के अंत तक होने की संभावना है। यह कदम लंबे समय से प्रतीक्षित था और इससे लाखों कर्मचारियों को राहत मिल सकती है।
वेतन आयोग का गठन और संभावित समयसीमा
पिछले वेतन आयोगों की तरह, 8वें वेतन आयोग का नेतृत्व एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश या वरिष्ठ नौकरशाह द्वारा किया जाएगा। इसमें अर्थशास्त्री, पेंशन और सरकारी व्यय के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। आयोग के गठन के बाद, यह विभिन्न मंत्रालयों, कर्मचारी संघों और विशेषज्ञों से परामर्श करेगा और अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा। माना जा रहा है कि आयोग जनवरी 2026 से पहले अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा ताकि उसी समय से इसे लागू किया जा सके।
सैलरी में 40 से 50 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की उम्मीद
8वें वेतन आयोग से यह उम्मीद की जा रही है कि इसमें कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 40 से 50 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की जा सकती है। यह बढ़ोतरी नए फिटमेंट फैक्टर पर आधारित होगी, जो 2.28 से 2.86 के बीच हो सकता है। यदि अधिकतम फैक्टर लागू होता है, तो जिसकी मौजूदा सैलरी ₹20,000 है, उसकी नई सैलरी ₹46,600 से ₹57,200 तक पहुंच सकती है।
डीए और फिटमेंट फैक्टर का महत्व
फिटमेंट फैक्टर वह गुणक है जिसके द्वारा मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी तय की जाती है। 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जिससे औसतन 23.55% की सैलरी बढ़ोतरी हुई थी। 8वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच हो सकता है, जिससे बेसिक सैलरी में 40-50% की बढ़ोतरी संभव है। इसके अलावा, डीए (महंगाई भत्ता) को भी नई बेसिक सैलरी में समाहित किया जाएगा, जिससे कुल वेतन में और वृद्धि होगी।
महंगाई के चलते जीवन यापन की लागत तेजी से बढ़ रही है, जिसके चलते सरकार से यह मांग की जा रही है कि जल्द से जल्द 8वां वेतन आयोग लागू किया जाए। 7वां वेतन आयोग 2016 से लागू है और इसका कार्यकाल जनवरी 2026 तक है। ऐसे में नई समिति का गठन समय रहते होना आवश्यक है ताकि कर्मचारियों को समय पर लाभ मिल सके।
निष्कर्ष
8वें वेतन आयोग का गठन केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल उनकी सैलरी में वृद्धि होगी, बल्कि महंगाई के प्रभाव को भी कम किया जा सकेगा। सरकार की ओर से इस दिशा में उठाए गए कदम से कर्मचारियों में उत्साह है और वे आयोग की सिफारिशों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।