सीहोर, 10 मई . जिले में शनिवार को जिला एवं तहसील स्तर पर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया. इस लोक अदालत में 2162 प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं समझौता राशि 06 करोड़ 65 लाख 52 हजार 808 रुपये जमा हुई.
नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र आर्य ने किया. इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा प्रारंभ की गई अनूठी पहल एक कदम जागरूकता की ओर के सम्बंध में तैयार शॉर्ट वीडियो दिखाया गया. इस पहल से प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक तथा सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न कानूनी विषयों को सम्मिलित करते हुये आमजन को सरल भाषा में समझ योग्य माध्यम से जानकारी प्रदान की जायेगी. प्रधान जिला न्यायाधीश आर्य ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सुसज्जित फ्रंट ऑफिस का लोकार्पण किया. इस फ्रंट ऑफिस में आने वाले पक्षकारों को विधिक सहायता, योजनाओं की जानकारी एवं सकारात्मक वातावरण निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा.
प्रधान जिला न्यायाधीश प्रकाश चंद्र आर्य ने कहा कि लोक अदालत से पक्षकारों के साथ अधिवक्ताओं एवं न्यायिक अधिकारियों को भी परम शांति की अनुभूति होती है क्योंकि इससे एक प्रकरण नही बल्कि एक विवाद हमेशा के लिए निराकृत हो जाता है एवं पक्षकारों के बीच आपसी स्नेहपूर्ण सम्बध स्थापित होते है. यही लोक अदालत की सबसे सुंदर बात है. उन्होंने कहा कि हमें हर योजना को उसके मूर्त रूप में लागू कर आमजन को लाभान्वित करना चाहिए. आमजन को सस्ता सरल और सुलभ न्याय दिलाने का लोक अदालत एक प्रभावी स्थान है, जो वर्तमान समय में समाज के लिए सबसे ज्यादा आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के त्वरित निराकरण से पक्षकारों का न्यायिक प्रक्रिया के प्रति विश्वास बढ़ता है, जिससे और अधिक न्याय प्राप्ति के लिए इच्छुक पक्षकार अपने विवाद लेकर न्यायालय के समक्ष आने के लिए प्रेरित होते है. उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित भी किया. इसके साथ ही उन्होंने न्यायालय परिसर में लगाए गए बैंक, नगर पालिका, विद्युत मंडल आदि के स्टॉलों का निरीक्षण भी किया और लोक अदालत में आए नागरिकों की समस्याएं सुनकर संबंधितों निराकरण के निर्देश दिए.
नेशनल लोक अदालत में कुल 2162 प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं समझौता राशि 06 करोड़ 65 लाख 52 हजार 808 रुपये जमा हुए हैं. नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते के आधार पर निराकरण कराये जाने के लिए न्यायालय एवं उपभोक्ता फोरम में लंबित 818 प्रकरण रखे गये थे जिनमें से 598 प्रकरणों का निराकरण आपसी राजीनामा के आधार पर हुआ एवं समझौता राशि 05 करोड़ 11 लाख 64 हजार 334 रुपये जमा कराई गई. इसी प्रकार नेशनल लोक अदालत की खंडपीठ के समक्ष कुल 14,340 प्रीलिटिगेशन प्रकरण रखे गये थे जिनमें से 1564 प्रकरणों का निराकरण हुआ एवं समझौता राशि 01 करोड़ 53 लाख 88 हजार 474 रुपये जमा कराई गई.
अलग रह रहे पति-पत्नी एक दूसरे को फूल माला पहनाकर खुशी-खुशी घर लौटे
नेशनल लोक अदालत में आवेदक पूजा ने अपने पति धर्मराज के खिलाफ कुटुम्ब न्यायालय सीहोर में भरण पोषण के लिए मामला प्रस्तुत किया गया था और उसके पति धर्मराज ने पत्नी पूजा के विरुद्ध तलाक का दावा प्रस्तुत किया था. दोनो करीब डेढ़ वर्ष से अलग अलग रह रहे थे. इसी प्रकार दूसरे प्रकरण में आवेदक जितेन्द्र अपनी पत्नी उषा से तीन वर्ष से अलग रह रहे थे. दोनो के तीन बच्चे है. विवाद बहुत बढ गया था. इस दोनों ही प्रकरणों में पति-पत्नि के मध्य छोटी-मोटी पारिवारिक बातों को लेकर वह अलग-अलग रहने लगे जो कि विवाद में परिवर्तित होकर अलगाव की स्थिति निर्मित हो गई. इन प्रकरणों में पारिवारिक मामला तथा भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए न्यायालय श्री वैभव मंडलोई एवं प्रधान न्यायाधीश द्वारा लोक अदालत में समझाइश के पश्चात् दोनो पक्षों ने राजीनामा कर साथ जाने पर सहमति व्यक्त की. राजीनामा करने वाले सभी पक्षकारों को फूल माला पहनाकरण खुशी-खुशी घर के लिए विदा किया गया.
इसी प्रकार नेशनल लोक अदालत में दीपेन्द्र मालू के लंबित आपराधिक प्रकरणों में आरोपी एवं फरियादी दोनो का एक-दूसरे पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ था. दोनो प्रकरण के आरोपी एवं फरियादी को समझाइश दी गई पर वह किसी भी स्थिति में राजीनामे के लिए तैयार नहीं थे. प्रधान जिला न्यायाधीश को जब यह जानकारी मिली तो उनके द्वारा पक्षकारों को बुलाकर व्यक्तिगत रूप से समझाइश दी गई एवं एक पक्षकार जो कि छोटा भाई एवं भतीजा था उसका बड़े भाई एवं काका के मध्य समझाइश के माध्यम से समझौता कराया गया.
तोमर