नई दिल्ली/स्वराज टुडे: भारत में जब भी कोई स्वास्थ्य समस्या होती है, तो लोग अक्सर कॉम्बिफ्लेम लेने की सलाह देते हैं। यह दवा दर्द निवारक के रूप में बेहद लोकप्रिय है। हालाँकि, अब इस दवा के उपयोग से जुड़े कुछ गंभीर खतरे सामने आए हैं।
डिसइंटिग्रेशन टेस्ट के दौरान यह पाया गया कि कॉम्बिफ्लेम का ब्रेकडाउन समय अपेक्षाकृत अधिक है। सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) के अनुसार, इसके सेवन से मरीजों को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें पेट में रक्तस्राव, दस्त और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएँ शामिल हैं।
कंपनी ने जून और जुलाई 2015 के बैच की दवाओं को वापस मंगाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, दो अन्य बैच भी टेस्ट में असफल रहे हैं। फ्रेंच फार्मा कंपनी सनोफी ने भारत में कॉम्बिफ्लेम के चार बैच वापस मंगाने का निर्णय लिया है।
कॉम्बिफ्लेम की कई खेप भारतीय बाजार से वापस ली जा रही हैं, क्योंकि सीडीएससीओ ने इन बैचों की गुणवत्ता को निम्न स्तर का पाया है। यह दवा पैरासिटामोल और आईबूप्रोफेन का मिश्रण है और भारत में सनोफी के प्रमुख ब्रांडों में से एक मानी जाती है। जिन बैचों को निम्न गुणवत्ता का माना गया है, वे जून और जुलाई 2015 में निर्मित हुए थे और इनकी एक्सपायरी डेट मई और जून 2018 है।