लाइव हिंदी खबर :- योग का अर्थ 'युज' से है, जिसका मतलब है 'एक साथ जुड़ना'। यह केवल व्यक्तिगत और व्यापक आत्माओं के बीच संबंध को दर्शाता है। यह संबंध कुछ प्राणायाम और आसनों के माध्यम से स्थापित होता है, जो मानव शरीर के पांच तत्वों को संतुलित करते हैं।
योग एक प्राचीन गतिविधि है, जिसमें सामंजस्य, शांति और अन्यता के तत्व शामिल हैं। योग का अभ्यास मस्तिष्क और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है, जिससे शरीर तनाव, दबाव और अन्य बीमारियों के प्रति कम संवेदनशील हो जाता है।
मधुमेह के रोगियों के लिए योग आसन विशेष रूप से लाभकारी होते हैं। योगिक आसनों, स्टांस और श्वास क्रियाओं का अभ्यास अग्न्याशय और यकृत की कार्यक्षमता को बढ़ाकर पाचन में सुधार करता है। यह रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।
1. मंडुकासन (मेंढक आसन)
इस आसन को करने के लिए रोगी को वज्रासन में बैठना होता है, जिससे अग्न्याशय पर दबाव पड़ता है। यह आसन आंतरिक जांघों और कूल्हों के लिए एक बेहतरीन खिंचाव है, जो मधुमेह रोगियों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बीटा कोशिकाओं के कार्य को उत्तेजित करता है।
2. योग मुद्रा (योग की मुद्रा)
यह आसन पद्मासन में बैठकर किया जाता है, जिसमें अग्न्याशय और पेट पर दबाव डाला जाता है। रोगी पैरों को पार करके खड़ा होता है और नाभि के नीचे हाथों को पकड़ता है। सांस छोड़ते समय, रोगी को आगे की ओर झुकना चाहिए। इस मुद्रा को तीन मिनट तक बनाए रखा जा सकता है, लेकिन शुरुआत में 30 सेकंड से 1 मिनट तक करना बेहतर है। यह आसन संवेदी प्रणाली को सक्रिय करता है।