केंद्र सरकार ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमले से जुड़े मामले में पाकिस्तानी-कनाडाई आतंकवादी तहव्वुर हुसैन राणा के खिलाफ मुकदमे के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के नेतृत्व में एक विशेष वकीलों की टीम का गठन किया है। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें बताया गया है कि यह नियुक्ति राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अधिनियम, 2008 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 के तहत की गई है।
वकीलों की टीम और उनकी भूमिका
अधिसूचना में कहा गया है, "केंद्र सरकार ने तुषार मेहता, सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया की अगुवाई में विशेष लोक अभियोजकों की एक टीम नियुक्त की है, जिसमें अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू, वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और अधिवक्ता नरेंद्र मान शामिल हैं। यह टीम दिल्ली में एनआईए विशेष अदालतों, दिल्ली उच्च न्यायालय और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में मामले RC-04/2009/NIA/DLI से संबंधित मुकदमे और अन्य कार्यवाहियों का संचालन करेगी।" यह नियुक्ति तीन वर्षों के लिए या मामले के मुकदमे की समाप्ति तक, जो भी पहले हो, प्रभावी रहेगी.
तहव्वुर राणा और मुंबई हमला
मामला RC-04/2009/NIA/DLI तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड कोलमैन हेडली से संबंधित है, जो 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों से जुड़ा हुआ है। एनआईए ने कई वर्षों की मेहनत के बाद राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित किया और 10 अप्रैल को उनकी गिरफ्तारी की। राणा पर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा द्वारा 2008 में किए गए इस भीषण हमले की साजिश में शामिल होने का आरोप है, जिसमें 166 लोग मारे गए और 238 से अधिक घायल हुए।
न्याय की दिशा में कदम
इस नियुक्ति के माध्यम से सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी सख्त नीति को फिर से स्पष्ट किया है। यह कदम मुंबई हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।