नई दिल्ली - केंद्र सरकार ने हाल ही में जानकारी साझा की है कि आधार ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शन की कुल संख्या 150 बिलियन (15,011.82 करोड़) को पार कर गई है, जो एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसके अलावा, अप्रैल महीने में किए गए ई-केवाईसी ट्रांजैक्शन की संख्या 37.3 करोड़ रही, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 39.7 प्रतिशत अधिक है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने बताया कि 30 अप्रैल तक ई-केवाईसी ट्रांजैक्शन की संचयी संख्या 2,393 करोड़ को पार कर गई है। मंत्रालय ने इसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) और व्यापक आधार इकोसिस्टम की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। आधार-आधारित प्रमाणीकरण ने जीवन को सरल बनाने, कल्याण वितरण को प्रभावी बनाने और सेवा प्रदाताओं द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मंत्रालय के अनुसार, अकेले अप्रैल में लगभग 210 करोड़ आधार प्रमाणीकरण ट्रांजैक्शन हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 8 प्रतिशत अधिक है।
आधार ई-केवाईसी सेवा ने बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं में ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने और व्यापार करने में आसानी लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यूआईडीएआई द्वारा विकसित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-मशीन लर्निंग-आधारित आधार फेस प्रमाणीकरण समाधान तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। अप्रैल में, लगभग 14 करोड़ ऐसे ट्रांजैक्शन हुए, जो इस प्रमाणीकरण पद्धति की बढ़ती स्वीकृति को दर्शाते हैं। मंत्रालय ने बताया कि सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में 100 से अधिक संस्थाएं फेस प्रमाणीकरण का उपयोग कर रही हैं। आधार डिजिटल अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है, और इसकी बढ़ती भूमिका विभिन्न क्षेत्रों में देखी जा रही है। विभिन्न सरकारी योजनाओं और सेवाओं के तहत लाभों के वितरण के लिए भी इसका उपयोग किया जा रहा है। 21 अप्रैल को, यूआईडीएआई को लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री पुरस्कार मिला, जो फेस ऑथेंटिकेशन मोडेलिटी के लिए इनोवेशन केटेगरी में प्रदान किया गया।