भारत में चिकित्सा क्षेत्र में करियर बनाने की चाह रखने वाले छात्रों को सबसे पहले नीट (NEET) जैसी चुनौतीपूर्ण परीक्षा का सामना करना पड़ता है। यह देश की सबसे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में से एक है, जिसमें हर साल लगभग 20 लाख छात्र भाग लेते हैं। इनमें से कुछ ही छात्र अपनी मेहनत और सही रणनीति के बल पर सफलता प्राप्त करते हैं। तेलंगाना की तुम्माला स्निकिता भी इनमें से एक हैं, जिन्होंने नीट 2020 में 720 में से 715 अंक प्राप्त कर 99.99 पर्सेंटाइल हासिल किया।
तुम्माला के माता-पिता दोनों चिकित्सा पेशे से जुड़े हुए हैं – उनके पिता कार्डियोलॉजिस्ट और मां गायनेकोलॉजिस्ट हैं। इस पारिवारिक माहौल ने उनके करियर के चुनाव पर गहरा प्रभाव डाला, और उन्होंने छोटी उम्र में ही तय कर लिया था कि उन्हें भी मेडिकल क्षेत्र में जाना है।
तुम्माला ने नीट की तैयारी कक्षा 10 से ही शुरू कर दी थी। एक प्रतिष्ठित प्राइवेट कोचिंग संस्थान से अध्ययन करने के कारण उनका आधार मजबूत हो गया। वह बताती हैं कि उन्होंने नीट का पूरा पाठ्यक्रम समय पर पूरा कर लिया था, जिससे उन्हें अंतिम महीनों में रिवीजन और मॉक टेस्ट पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिला।
कोरोना महामारी के दौरान जब स्कूल और कोचिंग संस्थान बंद हो गए थे, तब भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। ऑनलाइन कक्षाओं और डिजिटल संसाधनों का उपयोग करके उन्होंने लगातार अभ्यास किया और अपनी गति बनाए रखी।
परीक्षा के दिन, उन्होंने एक विशेष योजना बनाई – पहले बायोलॉजी, फिर केमिस्ट्री, और अंत में फिजिक्स के प्रश्न हल किए। उनका मानना है कि सबसे सरल विषयों को पहले हल करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और अन्य सेक्शन को भी शांति से हल किया जा सकता है।
नीट में उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद, तुम्माला को देश के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान AIIMS, दिल्ली में प्रवेश मिला, जो हर मेडिकल छात्र का सपना होता है।
तुम्माला का मानना है कि नीट जैसी परीक्षा में सफलता के लिए समय प्रबंधन, निरंतर अभ्यास, और सही मार्गदर्शन आवश्यक हैं। उनका कहना है कि नियमित रूप से एक निश्चित समय पर पढ़ाई करना और खुद पर विश्वास रखना ही सफलता की असली कुंजी है।
उनकी कहानी उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा है जो चिकित्सा क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं और अपने सपनों को साकार करने के लिए ईमानदारी से मेहनत कर रहे हैं।