World Hypertension Day 2025: हर वर्ष 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को उच्च रक्तचाप के खतरों के प्रति जागरूक करना है। इसे 'साइलेंट किलर' कहा जाता है, क्योंकि इसके लक्षण अक्सर अनदेखे रह जाते हैं, जबकि यह दिल, मस्तिष्क और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। आजकल, तनावपूर्ण जीवनशैली, अस्वस्थ आहार और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण उच्च रक्तचाप एक गंभीर समस्या बन गई है।
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यदि इसका समय पर उपचार नहीं किया गया, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी फेलियर और यहां तक कि अंधेपन का कारण बन सकता है। इसलिए, अपनी जीवनशैली में सुधार लाकर आप इस बीमारी से बच सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर, जिसे हाइपरटेंशन भी कहा जाता है, मुख्य रूप से 30 से 79 वर्ष के लोगों में अधिक पाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, लगभग 1.28 बिलियन लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं, जिनमें से अधिकांश गरीब और मध्यम वर्ग के देशों से हैं। इनमें से 46 प्रतिशत लोग इस बीमारी के बारे में अनजान हैं और 42 प्रतिशत लोग इसका इलाज करवा रहे हैं।
हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते। कई लोग इसके शिकार होते हैं लेकिन उन्हें इसका एहसास नहीं होता। सामान्य लक्षण जैसे सिरदर्द, धुंधली दृष्टि, चक्कर आना और सीने में दर्द को लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए, नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच कराना आवश्यक है।
हाई ब्लड प्रेशर के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अत्यधिक नमक का सेवन, मानसिक तनाव, नशे का सेवन और उम्र बढ़ना। इसके अलावा, अधिक वजन, शारीरिक निष्क्रियता और अनुवांशिक कारण भी इस बीमारी के प्रमुख कारण बन सकते हैं।
हाई बीपी से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव आवश्यक हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति का ब्लड प्रेशर 130/80 mmHg से कम होना चाहिए। यदि आपका ब्लड प्रेशर इससे अधिक है, तो आपको चिकित्सकीय सलाह की आवश्यकता है।
ब्लड प्रेशर के विभिन्न स्तर इस प्रकार हैं:
नॉर्मल ब्लड प्रेशर: 120/80 mmHg से कम
बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर: 120/80 से 129/79 mmHg
हाई ब्लड प्रेशर फेज 1: 130/80 से 139/89 mmHg
हाई ब्लड प्रेशर फेज 2: 140/90 mmHg या अधिक
हाइपरटेंसिव क्राइसिस: 180/120 mmHg से अधिक, तत्काल डॉक्टर से परामर्श जरूरी
हाई ब्लड प्रेशर का मानसिक स्वास्थ्य से गहरा संबंध है। मानसिक तनाव और अवसाद से ग्रस्त लोग अक्सर हाई बीपी का शिकार हो सकते हैं। इसके साथ ही, मानसिक रोगों से जुड़ी दवाओं का सेवन भी बीपी को बढ़ा सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव बेहद जरूरी हैं:
स्वस्थ खानपान: अधिक नमक का सेवन न करें, हरी पत्तेदार सब्जियां और फल अधिक खाएं।
योग और व्यायाम: नियमित योग और शारीरिक व्यायाम करें।
वजन नियंत्रण: अधिक वजन से बचें, और ताजगी बनाए रखने के लिए स्वस्थ आहार अपनाएं।
मेडिकल चेकअप: समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच कराएं।
मानसिक तनाव को कम करें: मानसिक तनाव को कम करने के लिए ध्यान और अन्य आरामदायक गतिविधियां करें।
Disclaimer: ये आर्टिकल मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर्स की राय जरूर लें.