विटामिन D: हड्डियों और मांसपेशियों का असली साथी
विटामिन D को अक्सर ‘सनशाइन विटामिन’ कहा जाता है क्योंकि यह सूर्य की किरणों से हमारी स्किन द्वारा बनता है। यह विटामिन बॉडी में कैल्शियम के अवशोषण के लिए जरूरी होता है। जब शरीर में विटामिन D की कमी हो जाती है, तो हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और मांसपेशियों में अकड़न या सूजन आने लगती है, जिससे कमर दर्द जैसी समस्याएं सामने आती हैं।
कैसे होती है विटामिन D की कमी?
आज की डिजिटल और इंडोर जिंदगी का सबसे बड़ा असर हमारी सेहत पर पड़ा है। हम धूप में बाहर कम निकलते हैं, जिससे शरीर को नैचुरल रूप से विटामिन D नहीं मिल पाता। इसके अलावा डाइट में भी ऐसी चीजें कम हो गई हैं जिनसे विटामिन D मिलता है। कुछ प्रमुख कारण हैं :
विटामिन D की कमी और कमर दर्द का सीधा कनेक्शन
जब शरीर में विटामिन D की मात्रा घटती है, तो इससे कैल्शियम का अवशोषण प्रभावित होता है। परिणामस्वरूप हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और कमर में खिंचाव, सूजन या मांसपेशियों में जकड़न महसूस होने लगती है। धीरे-धीरे यह दर्द क्रॉनिक बन सकता है, और युवा उम्र में ही कमर दर्द की शिकायतें सामने आने लगती हैं।
विटामिन D की कमी कैसे दूर करें
1. धूप से दोस्ती करें: सुबह 8 से 10 बजे के बीच की धूप विटामिन D पाने का सबसे अच्छा स्रोत है। हफ्ते में कम से कम 3-4 दिन, 15–20 मिनट के लिए धूप में रहना फायदेमंद होता है।
2. आहार में सुधार लाएं: विटामिन D युक्त चीजें जैसे कि दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स, अंडे की जर्दी, मशरूम, ऑयली फिश (जैसे सैल्मन, टूना- अगर आप नॉनवेज खाते हैं), विटामिन D फोर्टिफाइड अनाज और जूस।
3. सप्लीमेंट का सहारा लें: अगर आपके शरीर में विटामिन D की कमी बहुत ज्यादा है, तो डॉक्टर की सलाह से विटामिन D3 सप्लीमेंट लेना असरदार हो सकता है। हालांकि ये एक डॉक्टरी प्रक्रिया होनी चाहिए, खुद से न लें।
4. विटामिन D लेवल की जांच जरूरी है: अगर आपको बार-बार कमर दर्द हो रहा है, और आप किसी विशेष चोट या हड्डी की बीमारी से ग्रस्त नहीं हैं, तो एक बार विटामिन D का टेस्ट जरूर कराएं। ब्लड टेस्ट के जरिए 25(OH)D लेवल का पता लगाया जाता है, जिससे आपके शरीर में इस विटामिन की सही स्थिति सामने आ सकती है।
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