SEBI ने भगोड़े हीरा कारोबारी Mehul Choksi को 2.1 करोड़ रुपए का नोटिस भेजा
Webdunia Hindi May 20, 2025 04:42 AM

बाजार नियामक सेबी ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को गीतांजलि जेम्स लि. के शेयरों में भेदिया कारोबार नियमों के उल्लंघन के मामले में 2.1 करोड़ रुपए का भुगतान करने के लिए नोटिस भेजा है। नियामक ने 15 दिन के भीतर भुगतान करने में विफल रहने पर संपत्ति के साथ-साथ बैंक खाते भी कुर्क करने की चेतावनी दी है। चोकसी के जनवरी, 2022 में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा लगाए गए जुर्माने का भुगतान करने में विफल रहने के बाद यह मांग नोटिस भेजा गया है।

ALSO READ:

गीतांजलि जेम्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक होने के साथ-साथ प्रवर्तक समूह का हिस्सा रहे चोकसी, नीरव मोदी के मामा हैं। दोनों पर सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से 14,000 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप है। पीएनबी घोटाला 2018 की शुरुआत में सामने आने के बाद चोकसी और मोदी भारत से फरार हो गये थे।

पिछले महीने, भारतीय जांच एजेंसियों के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल वह इलाज के लिए बेल्जियम गया था। वह भारत छोड़ने के बाद 2018 से एंटीगुआ में रह रहा था।

मोदी को मार्च, 2019 में स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह वहीं जेल में बंद है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 15 मई को जारी ताजा नोटिस में चोकसी को 15 दिन के भीतर 2.1 करोड़ रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया। इसमें 1.5 करोड़ रुपए का जुर्माना और 60 लाख रुपए का ब्याज शामिल है।

नियामक ने कहा कि बकाया राशि का भुगतान नहीं करने की स्थिति में वह उसकी चल-अचल संपत्तियों को कुर्क करके और बेचकर राशि वसूल करेगा। इसके अलावा चोकसी के बैंक खाते भी कुर्क किए जा सकते हैं और उसे गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

ALSO READ:

सेबी ने जनवरी, 2022 में पारित अपने आदेश में चोकसी पर 1.5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया और उसे एक साल के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया। नियामक ने पाया कि चोकसी ने अप्रकाशित संवेदनशील सूचना (यूपीएसआई) के बारे में राकेश गिरधरलाल गजेरा को जानकारी दी, जिसने दिसंबर, 2017 में गीतांजलि जेम्स में अपनी पूरी 5.75 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी, ताकि किसी भी घटना से पहले नुकसान से बचा जा सके। उस समय आशंका थी कि गीतांजलि समूह को धोखाधड़ी से मिले गारंटी पत्र (लेटर ऑफ अंडरटेंकिंग) जारी करने का खुलासा हो सकता था। यह पाया गया कि गीतांजलि समूह से संबंधित इकाइयों की ओर से धोखाधड़ी वाले गारंटी पत्र जारी किए गए थे। भाषा Edited by: Sudhir Sharma

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.