पाकिस्तान को IMF से मिली राहत: लेकिन शर्तें हैं भारी
newzfatafat May 20, 2025 08:42 PM
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और IMF की मदद

पाकिस्तान, जो आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, को अंततः अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से एक अरब डॉलर की अगली किस्त प्राप्त करने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि, यह राहत कई कठोर शर्तों के साथ आई है। दशकों से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था विश्व बैंक, IMF और चीन जैसे देशों से मिले कर्ज पर निर्भर है, जिसके कारण उसकी संप्रभुता पर असर पड़ रहा है।


बजट की तैयारी IMF की मंजूरी पर निर्भर

पाकिस्तान 2 जून को नया बजट पेश करने की योजना बना रहा है, लेकिन यह IMF की स्वीकृति पर निर्भर करेगा। IMF की टीम इस्लामाबाद में मौजूद है और बजट के मसौदे को अंतिम रूप देने से पहले वित्त मंत्रालय को IMF के साथ विस्तृत चर्चा करनी होगी।


IMF की शर्तें और बजट की रूपरेखा

IMF ने स्पष्ट किया है कि वह पाकिस्तान के नए बजट की रूपरेखा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सूत्रों के अनुसार, बजट के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं, जैसे विकास खर्च, कर्ज भुगतान और सुधार योजनाएं, IMF की सहमति से तय होंगे। IMF का कहना है कि बजट को आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए तैयार किया जाना चाहिए।


कड़ी शर्तें और वित्तीय नीति पर प्रभाव

IMF ने पाकिस्तान पर अब तक 50 से अधिक शर्तें लागू की हैं, और नई किस्त जारी करने से पहले 11 और कड़ी शर्तें जोड़ी गई हैं। इनमें बजट का आकार और खर्च की सीमा शामिल हैं। IMF के निर्देशानुसार, पाकिस्तान का कुल बजट 17.6 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये होगा, जबकि विकास खर्च के लिए केवल 1.07 ट्रिलियन रुपये निर्धारित किए गए हैं।


जनता पर बढ़ता बोझ

इन शर्तों के कारण पाकिस्तान सरकार की वित्तीय नीति तय करने की स्वतंत्रता लगभग समाप्त हो गई है। IMF की निगरानी में तैयार हो रहा बजट न केवल सामाजिक कल्याण योजनाओं को सीमित करेगा, बल्कि आम जनता पर टैक्स और कीमतों के रूप में अतिरिक्त बोझ भी डालेगा। कृषि आय जैसी संवेदनशील श्रेणियों को भी टैक्स के दायरे में लाया जाएगा।


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