सीबीडीटी ने जारी किया ITR-U फॉर्म, जानें कौन भर सकता है ये फॉर्म, यहां जानें जुर्माना और अंतिम तिथि की पूरी जानकारी
et May 21, 2025 08:42 AM
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने मंगलवार को आयकर रिटर्न के लिए अपडेटेड रिटर्न फॉर्म ITR-U जारी किया है। इस फॉर्म के जरिए करदाता अपने दाखिल किए गए आयकर रिटर्न में सुधार कर सकते हैं या छूटे हुए विवरण को जोड़ सकते हैं। इस फॉर्म में वित्तीय अधिनियम 2025 के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। जिसमें इसकी समय सीमा को 48 महीने यानी 4 साल तक बढ़ाई गई है। विस्तार से जानते हैं ITR-U फॉर्म क्या है, यह कौन भर सकते हैं, और इसकी अंतिम तिथि क्या है। ITR-U फॉर्म क्या है?आईटीआर-यू यानी अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न, यह फॉर्म करदाताओं को आयकर अधिनियम 1961 की धारा 139(8ए) के अंतर्गत पहले से दाखिल किए गए रिटर्न को अपडेट करने का मौका देता है। इसमें करदाता अपनी त्रुटि को सुधारने के साथ ही छूटे हुए आय विवरण को भी शामिल कर सकते हैं। यानी ऐसे करदाता जो गलत इनकम हेड का चुनाव करने, आय कम रिपोर्ट करने या अपने नुकसान को आगे बढ़ाना चाहते हैं। उनके लिए यह सुविधा काफी मददगार होगी। ITR-U फॉर्म कौन दाखिल कर सकता है? 1. ऐसे करदाता जो मूल रिटर्न दाखिल करने से चूक गए हो। तो वे ITR-U फॉर्म के माध्यम से बिलेटेड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।2. यदि किसी करदाता ने पहले से गलत आय विवरण या गलत कर गणना के साथ रिटर्न दाखिल किया है तो उन्हें ठीक करने का यह फॉर्म मौका देता है। 3. ऐसे कर रहा था जो अपने नुकसान को आगे बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने आईटीआर में गलती कर दी है तो भी इस फॉर्म का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस बात का खास ध्यान दें आपको यह पता होना चाहिए कि इस फॉर्म का इस्तेमाल अतिरिक्त रिफंड का दावा करने या करदायित्व को कम करने के लिए नहीं किया जा सकता। केवल आपके रिटर्न में त्रुटि या आई को अपडेट करने के लिए ही यह फॉर्म इस्तेमाल किया जा सकता है। ITR-U फॉर्म दाखिल करने की अंतिम तिथि सीबीडीटी ने इस फॉर्म की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 48 महीने यानी 4 साल कर दिया है। अब जान लेते हैं कि इस 4 साल की अवधि की गणना कैसे की जाएगी। संबंधित आकलन वर्ष की समाप्ति के बाद 48 महीनों तक आप अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। ITR-U फॉर्म के साथ जुर्माना इस बात पर खास ध्यान देना होगा ITR-U दाखिल करने पर आपको समय सीमा के आधार पर अलग-अलग जुर्माने का भुगतान करना पड़ सकता है। - यदि आप 12 महीने के अंदर यह रिटर्न दाखिल करते हैं तो आपको अतिरिक्त आय पर 25% टैक्स प्लस ब्याज का भुगतान करना होगा। - 12 महीने से 24 महीने की अवधि के बीच में यदि आपने यह फॉर्म दाखिल किया है तो आपको अतिरिक्त आय पर 50% टैक्स प्लस ब्याज का भुगतान करना होगा। - यदि आप तीसरे साल में यह फॉर्म दाखिल करते हैं तो आपको अतिरिक्त आय पर 60% टैक्स प्लस ब्याज का भुगतान करना होगा। - यदि आप चौथे वर्ष में यह फॉर्म दाखिल करते हैं तो अतिरिक्त आय पर ज्यादा कर का भुगतान करना पड़ सकता है। ITR-U फॉर्म आयकर विभाग के आधिकारिक पोर्टल (incometax.gov.in) पर जाकर दाखिल किया जा सकता है।
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