तुलसी, जिसे भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण का प्रिय पौधा माना जाता है, हिन्दू धर्म में एक पवित्र स्थान रखता है। तुलसी की माला से जाप करने का विशेष महत्व है, जो जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाने में सहायक होता है। ज्योतिष के अनुसार, तुलसी माला के जाप का सही तरीका, संख्या, मंत्र और शुभ दिन का ज्ञान होना आवश्यक है। आइए, इस विषय पर विस्तार से चर्चा करें।
तुलसी की माला पर 108 दानों वाला जाप सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि यह संख्या हिन्दू धर्म में पवित्र मानी जाती है।
यदि 108 बार जाप करना संभव न हो, तो कम से कम 27 या 54 बार जाप अवश्य करें।
जितनी अधिक संख्या में जाप किया जाएगा, उतना ही अधिक लाभ प्राप्त होगा।
तुलसी माला के जाप के लिए सबसे प्रभावी मंत्र हैं:
“ॐ ह्रीं श्रीं विष्णवे नमः”
या
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”
इन मंत्रों का जाप तुलसी माला से करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
मंत्र का जाप ध्यानपूर्वक और सही उच्चारण के साथ करना चाहिए।
तुलसी माला के जाप की शुरुआत सोमवार या गुरुवार को करना सबसे शुभ माना जाता है।
विशेषकर सर्वपितृ अमावस्या, एकादशी या विष्णु पक्ष के दिन शुरुआत करने से लाभ दोगुना होता है।
तुलसी के पौधे के समक्ष पूजा करके, तुलसी माला लेकर मंत्र जाप आरंभ करें।
सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।
मानसिक शांति और ध्यान में वृद्धि होती है।
घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
वासुदेव और विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है।
नकारात्मक ऊर्जा से बचाव होता है और वैभव बढ़ता है।
स्वास्थ्य लाभ और रोगों से रक्षा होती है।
तुलसी माला से किए गए जाप से करियर, परिवार और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
साफ और पवित्र स्थान पर तुलसी माला का जाप करें।
शरीर और मन दोनों को शुद्ध रखें।
जाप के दौरान मन को पूरी तरह से मंत्र पर केन्द्रित रखें।
रोजाना तुलसी के पौधे को जल देना और उसकी पूजा करना शुभ रहता है।
तुलसी माला को कभी भी गंदे हाथों से न छुएं और इसे सम्मान से रखें।
ज्योतिष के अनुसार, तुलसी की माला से 108 बार “ॐ ह्रीं श्रीं विष्णवे नमः” या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ है। इसका शुभारंभ सोमवार या गुरुवार को करें। इससे जीवन में शांति, सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ सभी कष्ट दूर होते हैं।