गर्मी के मौसम में हर साल आने वाला 'नौतपा' वह समय होता है जब सूर्य की गर्मी अपने उच्चतम स्तर पर होती है, और तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंचना सामान्य है। इस वर्ष, नौतपा 25 मई 2025 से 2 जून 2025 तक रहेगा।
'नौतपा' संस्कृत के दो शब्दों 'नव' (नौ) और 'ताप' (गर्मी) से मिलकर बना है। यह नौ दिन ऐसे होते हैं जब धरती पर सबसे अधिक गर्मी होती है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, यह समय सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश से संबंधित है। जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है, तब नौतपा की शुरुआत होती है और इसके बाद के नौ दिनों में गर्मी का अनुभव अधिक होता है।
इस बार, सूर्य 25 मई 2025 को दोपहर में रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा, जिससे नौतपा की शुरुआत होगी। इसका प्रभाव 2 जून 2025 तक रहेगा, लेकिन कई बार इसका असर पूरे जून महीने तक भी देखा जा सकता है।
तापमान में जबरदस्त वृद्धि: राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में तापमान 47-48 डिग्री तक पहुंच सकता है।
लू का प्रकोप: दिन के समय गर्म हवाएं चलती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं।
जल स्रोतों का सूखना: कुएं, तालाब और छोटे जल स्रोतों में पानी की कमी होने लगती है।
बिजली की मांग में वृद्धि: कूलर, एसी और पंखों का अधिक उपयोग बिजली की खपत को बढ़ा देता है।
मानव और पशु-पक्षियों पर प्रभाव: गर्मी का असर इंसानों के साथ-साथ पशु और पक्षियों पर भी पड़ता है।
बाजारों में गर्मी से राहत के साधनों की मांग: जैसे छाछ, लस्सी, कूलर, खस की चटाई आदि की बिक्री में वृद्धि होती है।
स्कूलों में छुट्टियाँ: कई स्कूलों में गर्मी की छुट्टियाँ इसी समय होती हैं।
किसानों की तैयारी: किसान इस दौरान खरीफ फसल की तैयारी शुरू करते हैं।
मौसम वैज्ञानिकों की निगरानी: मौसम विभाग इस दौरान मानसून की संभावनाओं पर नजर रखता है।
दिन के समय धूप में बाहर निकलने से बचें।
पानी, नींबू पानी, छाछ, नारियल पानी आदि का अधिक सेवन करें।
बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
गर्मी से बचने के लिए हल्के रंग और सूती कपड़े पहनें।
नौतपा केवल एक मौसमीय स्थिति नहीं, बल्कि एक परंपरागत मान्यता भी है, जो हमें प्रकृति के अनुसार खुद को ढालने की चेतावनी देती है।