इंटरमिटेंट फास्टिंग: वजन घटाने के साथ बालों पर पड़ सकता है नकारात्मक असर
Gyanhigyan May 31, 2025 10:42 PM
इंटरमिटेंट फास्टिंग और बालों की वृद्धि

वजन कम करने के लिए कई लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग (IF) का सहारा ले रहे हैं, लेकिन हाल ही में एक चीनी अध्ययन ने यह चेतावनी दी है कि यह प्रक्रिया आपके बालों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। जेजियांग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के कारण चूहों में बालों की वृद्धि में कमी आई है, जिससे बालों के झड़ने की समस्या उत्पन्न हो सकती है।


शोध में यह स्पष्ट हुआ कि चूहों में इंटरमिटेंट फास्टिंग के चलते बालों का पुनः विकास सामान्य आहार वाले चूहों की तुलना में धीमा हो गया। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह ऑक्सीडेटिव तनाव के कारण होता है, जो बालों के रोमकूपों के स्टेम सेल्स पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।


अध्ययन में यह भी देखा गया कि चूहों ने कुछ दिनों तक इंटरमिटेंट फास्टिंग की, जिसके परिणामस्वरूप उनके बालों का विकास सामान्य आहार वाले चूहों की तुलना में काफी धीमा था। जिन चूहों ने IF का पालन किया, उनके बाल 96 दिनों में भी पूरी तरह से नहीं उग पाए, जबकि सामान्य आहार वाले चूहों ने 30 दिनों में अपने बालों का पुनः विकास कर लिया।


इंसानों पर इस अध्ययन के प्रभाव को समझने के लिए 49 स्वस्थ वयस्कों पर एक प्रारंभिक परीक्षण किया गया। इस परीक्षण में, 18 घंटे का उपवास करने वाले प्रतिभागियों में बालों की वृद्धि की गति में 18 प्रतिशत की कमी देखी गई। हालांकि, यह प्रभाव चूहों की तुलना में कम था, फिर भी यह संकेत देता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग का असर इंसानों पर भी हो सकता है।


भारतीय चिकित्सकों का क्या कहना है? एक रिपोर्ट के अनुसार, इस अध्ययन के बाद भारतीय त्वचा विशेषज्ञ भी इस विषय पर अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं। डॉ. अभिराम रायपट्टी, एक प्रसिद्ध त्वचा विशेषज्ञ, का कहना है कि लंबे समय तक उपवास करने से अचानक बालों के झड़ने की समस्या हो सकती है, जिसे 'टेलोजन एफ्लूवियम' कहा जाता है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के बाद शरीर इसके प्रभावों के प्रति अनुकूलित हो जाता है, और बालों का झड़ना अस्थायी हो सकता है।


© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.