शिवकुमार का यह बयान उस समय आया है जब राज्य सरकार ने केंद्र पर फंड आवंटन में भेदभाव का आरोप लगाया है। उनका इशारा उन सांसदों और मंत्रियों की ओर था जो केंद्र में सत्तारूढ़ दल (भाजपा) से संबंधित हैं। उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल या संसद में रहते हुए उनका प्राथमिक कर्तव्य कर्नाटक के लोगों के प्रति है।
उन्हें राज्य की आवश्यकताओं, विकास परियोजनाओं और नागरिकों की आकांक्षाओं को केंद्र सरकार के समक्ष मजबूती से रखना चाहिए। शिवकुमार ने यह भी कहा कि राज्य के हित किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्तिगत संबद्धता से ऊपर होने चाहिए। कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी का यह सामूहिक दायित्व है कि वे राज्य के कल्याण और प्रगति के लिए एकजुट होकर कार्य करें।