निर्जला एकादशी 2025: जीवन बदलने के लिए 4 सरल उपाय
newzfatafat June 04, 2025 03:42 AM
निर्जला एकादशी का महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसमें निर्जला एकादशी को सबसे कठिन और प्रभावशाली माना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है, और इस दिन भक्त बिना जल और अन्न के अपनी भक्ति और संयम का प्रदर्शन करते हैं।


कहा जाता है कि निर्जला एकादशी का व्रत साल की सभी 24 एकादशियों के बराबर पुण्य प्रदान करता है। यह न केवल आध्यात्मिक शांति का स्रोत है, बल्कि जीवन की कठिनाइयों को दूर करने का भी मार्ग प्रशस्त करता है। वर्ष 2025 में यह पर्व 6 जून, शुक्रवार को मनाया जाएगा।


निर्जला एकादशी व्रत का महत्व

निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह तिथि 6 जून 2025 को रात 2:15 बजे शुरू होगी और 7 जून को सुबह 4:47 बजे समाप्त होगी। व्रत का पारण 7 जून को दोपहर 1:44 बजे से 4:31 बजे के बीच किया जाएगा।


इस दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं, भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और व्रत का संकल्प लेते हैं। यह व्रत आत्मिक शुद्धि का प्रतीक है और हमें दूसरों की मदद और दान-पुण्य के महत्व को भी सिखाता है।


निर्जला एकादशी व्रत के 4 सरल उपाय

इस पावन दिन पर भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनें और भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के सामने तुलसी की मंजरी चढ़ाएं। इसके बाद “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें। ध्यान रखें कि एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते न तोड़ें, बल्कि पहले से रखे गए पत्तों का उपयोग करें। यह उपाय आर्थिक तंगी को दूर करने में सहायक है।


निर्जला एकादशी पर श्रीफल (नारियल) का दान भी विशेष फलदायी माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को नारियल अर्पित करें और फिर इसे किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान दें। यह उपाय जीवन की बाधाओं को दूर करता है और मां लक्ष्मी की कृपा से धन-वैभव की प्राप्ति होती है।


इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना भी अत्यंत लाभकारी है। स्नान के बाद स्वच्छ कपड़े पहनकर भगवान विष्णु के सामने बैठें और सहस्रनाम का पाठ करें। यह उपाय न केवल पापों का नाश करता है, बल्कि मानसिक शांति और आत्मविश्वास भी प्रदान करता है।


निर्जला एकादशी का एक और महत्वपूर्ण उपाय है दान-पुण्य। इस दिन अन्न, जल और वस्त्र का दान करना बेहद पुण्यकारी माना जाता है। जरूरतमंदों को भोजन कराएं, पानी का दान करें और अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करें। यह कार्य न केवल भगवान विष्णु का आशीर्वाद दिलाता है, बल्कि जीवन से नकारात्मकता को भी दूर करता है।


निर्जला एकादशी का संदेश

निर्जला एकादशी का यह पर्व हमें आत्मसंयम, भक्ति और दूसरों की मदद करने का अवसर देता है। इस दिन इन सरल उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि ला सकते हैं। आइए, इस निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन को और भी बेहतर बनाएं।


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