हरियाणा के पलवल जिले में अवैध गर्भपात करने वाले एक नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने पलवल के विभिन्न नर्सिंग होम पर छापेमारी की। इस दौरान अवैध गर्भपात करने के आरोप में चार नर्सिंग होम को सील कर दिया गया है। इन सभी जगहों पर फर्जी डॉक्टर अवैध गर्भपात कर रहे थे। हरियाणा में लिंगानुपात को सुधारने के लिए आयोजित स्टेट टास्क फोर्स (एसटीएफ) की साप्ताहिक बैठक में इस नर्सिंग होम के बारे में जानकारी मिली। यह बैठक मंगलवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में हुई।
लिंगानुपात को सुधारने के प्रयास
आपको बता दें कि इस बैठक का फोकस अवैध गर्भपात को रोकना और 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत राज्य के लिंगानुपात को और बेहतर बनाने के प्रयासों को तेज करना था। बैठक के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अधिकारियों को अवैध गर्भपात प्रथाओं के खिलाफ कार्रवाई तेज करने और ऐसे उल्लंघनों के दोषी पाए जाने वाले डॉक्टरों के खिलाफ लाइसेंस रद्द करने सहित सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसी तरह के एक मामले में हरियाणा मेडिकल काउंसिल ने गलत कामों में संलिप्त पाए गए कुरुक्षेत्र के एक डॉक्टर का पंजीकरण रद्द करने की सिफारिश की है। राजपाल ने अवैध गर्भपात में शामिल झोलाछाप डॉक्टरों (नीम हकीमों) की पहचान करने पर जोर दिया, खासकर करनाल, पलवल, गुरुग्राम और चरखी दादरी जिलों में।
अन्य मामलों में भी की गई कार्रवाई
इस बीच, अधिकारियों ने बैठक में बताया कि पिछले सप्ताह 27 मई से 2 जून तक अभियान में दो एमटीपी किट जब्त की गईं और एफआईआर दर्ज की गई। बयान में कहा गया है कि हरियाणा में एमटीपी किट बेचने वाले थोक विक्रेताओं की संख्या एक महीने में 32 से घटकर पांच रह गई है। राज्य के 16 जिलों में एमटीपी किट की बिक्री में उल्लेखनीय गिरावट आई है। नियमों का उल्लंघन करने पर औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम 1945 के तहत एक फर्म को नोटिस भी जारी किया गया है और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। अधिकारियों को बताया गया कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 1 जून को हरियाणा में ग्लोबल पैरेंट्स डे मनाया गया।