Bijli Vibhag Raid: चौमूं परिक्षेत्र में बिजली निगम की टीमों ने बुधवार को तड़के बड़ा अभियान चलाया. तड़के सुबह 4:30 बजे से शुरू हुई छापेमारी में करीब 100 स्थानों पर निरीक्षण किया गया, जिसमें 40 जगहों पर बिजली चोरी पकड़ी गई. इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है. निगम ने कुल मिलाकर 10 लाख रुपए की VCR भरते हुए उपभोक्ताओं को 7 दिन के भीतर भुगतान का अल्टीमेटम दिया है.
बिजली चोरी की बढ़ती शिकायतों और लोड में इजाफे को देखते हुए निगम ने पांच सहायक अभियंताओं की अलग-अलग टीमें बनाई थीं. इनमें प्रथम, द्वितीय, कालाडेरा, खेजरोली और गोविंदगढ़ खंड के अधिकारी शामिल थे. इन टीमों ने चिन्हित गांवों और ढाणियों में छापेमारी कर बिजली चोरी के नए तरीके उजागर किए.
अभियान के दौरान यह देखा गया कि कई उपभोक्ताओं ने घरेलू लाइन पर सीधी जोड़तोड़ करके बिजली ले रखी थी. मीटर के पास पोल से लेकर मीटर तक की सर्विस लाइन को काटकर, या इनपुट टर्मिनल में सीधे तार जोड़कर चोरी की जा रही थी. बिना रीडिंग के बिजली का इस्तेमाल करना प्रमुख तरीका बन चुका था.
टीमों ने टांकरड़ा, सामोद, इटावा, खेजरोली, कालाडेरा, हस्तेडा, किशनमानपुरा, गोविंदगढ़, नांगल, मोरीजा, बांसा, चीथवाड़ी और उदयपुरिया सहित कई गांवों में छापेमारी की. कई जगहों पर मीटर बायपास करके या बिना मीटर के बिजली खपत की जा रही थी.
निगम ने 10 लाख रुपए की वसूली के लिए VCR जारी की है. उपभोक्ताओं को 7 दिनों के भीतर राशि जमा करवाने का आदेश दिया गया है. यदि तय समय में राशि नहीं दी गई, तो कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. इसमें कनेक्शन काटने से लेकर केस दर्ज करने तक की कार्रवाई संभव है.
कनिष्ठ अभियंता सुरेन्द्र दायमा ने बताया कि उपभोक्ता नई-नई तरकीबों से चोरी को अंजाम दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि, “आर्म्ड केबल काटना, पोल से तार जोड़ना, मीटर बायपास करना जैसी तकनीकें अब आम हो गई हैं.” वहीं अधिशासी अभियंता जीएल गुप्ता ने कहा कि “यह सिर्फ शुरुआत है, आने वाले समय में चौमूं क्षेत्र में लगातार ऐसी छापेमारी होती रहेगी.”
VCR यानी विद्युत चालान रिपोर्ट उस समय बनाई जाती है जब उपभोक्ता बिजली चोरी करते पकड़े जाते हैं. इसमें जुर्माने की राशि तय कर उपभोक्ता को भुगतान के लिए बाध्य किया जाता है. यदि वह इसे तय समय पर नहीं चुकाते तो विधिक कार्रवाई की जाती है.
बिजली निगम का कहना है कि यह कार्रवाई राजस्व हानि रोकने और ट्रांसफॉर्मर लोड कम करने के लिए की जा रही है. बिजली चोरी न केवल अवैध है बल्कि इससे पूरे क्षेत्र के वोल्टेज और बिजली आपूर्ति पर असर पड़ता है. इससे ईमानदार उपभोक्ता भी परेशान होते हैं.