प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) का दुरुपयोग कर सरकार को लाखों रुपये का चूना लगाने वाले एक शातिर गिरोह का पर्दाफाश हो गया है। इस सनसनीखेज मामले में लखनऊ एसटीएफ की बरेली यूनिट ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए आठ आरोपियों को भोजीपुरा रोड से गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने योजना की कमजोरियों का फायदा उठाकर बड़े पैमाने पर फर्जी बीमा क्लेम वसूल किए और सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाया।
घोटाले की जड़: बुजुर्गों की उम्र घटाकर बीमाएसटीएफ को इस गिरोह की सूचना कुछ दिन पहले मिली थी। जांच में सामने आया कि यह गिरोह जानबूझकर अधिक उम्र के बुजुर्ग व्यक्तियों की उम्र को फर्जी दस्तावेजों के सहारे घटाकर 40-45 वर्ष दिखाता था, जबकि उनकी असली उम्र 60 से 70 साल के बीच होती थी। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत केवल 18 से 50 वर्ष तक के व्यक्ति ही बीमा करा सकते हैं। आरोपी इस शर्त का दुरुपयोग करते हुए पहले बीमा कराते और फिर संबंधित व्यक्ति की मौत के बाद फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज तैयार कर बीमा क्लेम वसूल लेते थे।
गोपनीय सूचना के बाद गिरी गाजबरेली यूनिट के अपर पुलिस अधीक्षक अब्दुल कादिर को सूचना मिली थी कि भोजीपुरा रोड पर कुछ लोग इस योजना में धोखाधड़ी कर रहे हैं। सूचना की पुष्टि होने पर एसटीएफ ने मौके पर दबिश दी और गिरोह के सभी आठ सदस्यों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
फर्जी दस्तावेजों का जखीरा बरामदगिरोह के पास से पुलिस को बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं, जो इस घोटाले की गहराई को दर्शाते हैं। इनमें शामिल हैं:
14 फर्जी बीमा क्लेम फॉर्म
23 आधार कार्ड
33 बैंक पासबुक
6 पैन कार्ड, 1 डेबिट कार्ड
2 डायरी, एक मृत्यु प्रमाण पत्र, दो आधार कार्ड की फोटोकॉपी और एक रजिस्टर
66 फर्जी निवास प्रमाण पत्र, जिन पर ग्राम प्रधानों, आशा कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर थे
इन दस्तावेजों को बीमा कंपनियों में जमा कर फर्जी क्लेम पास करवाए जाते थे। गिरोह ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय था और वहां के ग्राम प्रधानों और अन्य स्थानीय स्तर के कार्यकर्ताओं की मिलीभगत से यह सारा खेल खेला जा रहा था।
तकनीकी सबूत भी मिलेगिरफ्तारी के समय आरोपियों के पास से 12 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं, जिनमें बीमा क्लेम संबंधित डेटा और बातचीत के रिकॉर्ड मिलने की संभावना है। इसके अलावा 85 डाक टिकट और ₹3,300 नकद भी बरामद किए गए हैं, जो गिरोह के रोजमर्रा के ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल होते थे।
बीमा योजना की छवि को पहुंचा नुकसानप्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य कम प्रीमियम में आम जनता को जीवन बीमा का लाभ देना है। लेकिन इस प्रकार की धोखाधड़ी से न केवल सरकारी खजाने को नुकसान होता है, बल्कि योजना की विश्वसनीयता भी सवालों के घेरे में आ जाती है।
आगे की जांच जारीएसटीएफ इस पूरे गिरोह के नेटवर्क की तह में जाने की कोशिश कर रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं बीमा कंपनियों में बैठे कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत तो नहीं थी। साथ ही जिन ग्राम प्रधानों और आशा वर्कर्स के दस्तावेजों का उपयोग हुआ है, उनसे भी पूछताछ की जा रही है।
अपर पुलिस अधीक्षक अब्दुल कादिर ने बताया, “यह एक संगठित नेटवर्क था जो गरीब और वृद्ध लोगों के नाम पर योजनाओं का दुरुपयोग कर रहा था। आगे की जांच में कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।”